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राज्य सरकार का अहम फैसला! पिछली सरकार द्वारा बंद किए गए 978 स्कूल नए सत्र से फिर होंगे शुरू

locationजयपुरPublished: Feb 26, 2020 09:08:23 am

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dinesh

पूर्व सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के नियमों के विरुद्ध बंद किए स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी है। सोमवार को शिक्षा विभाग ने 495 राजकीय प्राथमिक व उ.प्रा. विद्यालयों और 473 प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा के समन्वय से मुक्त करने के स्वीकृति आदेश जारी कर दिए…

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जयपुर। पूर्व सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के नियमों के विरुद्ध बंद किए स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी है। सोमवार को शिक्षा विभाग ने 495 राजकीय प्राथमिक व उ.प्रा. विद्यालयों और 473 प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा के समन्वय से मुक्त करने के स्वीकृति आदेश जारी कर दिए। 10 विद्यालयों को प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित किए जाने की स्वीकृति दी। अर्थात इनका प्रशासनिक नियंत्रण उसी स्कूल के हाथ में होगा। शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ( Govind Singh Dotasra ) ने बताया कि मुख्यमंत्री के जन घोषणा पत्र के अंतर्गत गत सरकार द्वारा एकीकरण के नाम पर बंद किए गए विद्यालयों को फिर से शुरू किया जाएगा। इस संबंध में जिला कलक्टर और उपखंड अधिकारी स्तर पर समिति गठित कर प्रस्ताव मांगे गए हैं। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में पूर्व सरकार द्वारा बंद किए गए 495 प्रारंभिक और 483 माध्यमिक विद्यालयों को सत्र 2020-21 से संचालित किया जाएगा। वर्तमान में 19,754 विद्यालय भवन खाली पड़े हैं। गत सरकार द्वारा 22,200 प्राथमिक विद्यालय बंद एवं समन्वित किए गए थे। वहीं, प्रदेश के 65 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा।
पिछली सरकार ने 22,200 प्राथमिक स्कूलों को बंद एवं मर्ज कर दिया था। कांग्रेस सरकार ने जनजाति व दुर्गम क्षेत्रों में भामाशाहों व ग्रामीणों के सहयोग से बने, जर्जर भवन और आरटीई के तहत बंद किए इन स्कूलों की समीक्षा का फैसला लिया था। इसमें से आरटीई के तहत बंद स्कूलों का संचालन पुन: किया जाएगा। दरअसल, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत एक किलोमीटर दूरी में प्राथमिक व दो किमी दूरी में उच्च प्राथमिक विद्यालय का संचालन होना आवश्यक है। पूर्व में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से इन नियम के विपरीत मर्ज होने वाले स्कूलों की सूची मांगी थी।
473 विद्यालयों के लिए प्रमुख शर्तें
विद्यालयों को सत्र 2020-21 से शुरू किया जाएगा।
प्राथमिक स्कूल के लिए न्यूनतम 15 का नामांकन, उ.प्रा. के लिए 30 व सुरक्षित भवन की उपलब्धता होने पर ही शुरू किया जा सकेगा।
प्राथमिक स्कूल के लिए 2 शिक्षक लेवल 1, उच्च प्राथमिक में लेवल 1 के दो व लेवल 2 के तीन शिक्षकों के पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में उपलब्ध आरक्षित पदों में से आवंटित किए जाएंगे।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल पृथक करने पर माध्यमिक शिक्षा पूर्वानुसार संचालित होगी।
डीमर्ज के बाद माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में पदों का निर्धारण स्टाफिंग पैटर्न (30.4.2015) के आदेशानुसार होगा।
पृथक से संचालित किए जाने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय को सत्र 2020-21 में एक से पांच कक्षाओं तक संचालित किया जाएगा। आगामी सत्रों में क्रमश: कक्षा 6, 7 व 8 संचालित होंगी।
यदि समन्वित विद्यालय का भवन किसी उपयोग में लिया जा रहा है तो उसे रिक्त करवाकर मुक्त किया जाने वाला विद्यालय उसी भवन में संचालित किया जाएगा।
जहां-जहां भवन जर्जर अवस्था में हैं, उसका परीक्षण करवाया जाएगा तथा सुरक्षित होने पर ही विद्यालय प्रारंभ करवाया जाएगा।
अतिरिक्त पदों की स्वीकृति जारी नहीं की जाएगी।
– हमारी सरकार ने आरटीई के नियमों के तहत स्कूलों को मर्ज किया था। अध्यापकों की कमी बड़ा मुद्दा है, इंतजार करना चाहिए कि सरकार क्या व्यवस्था करती है।
वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षामंत्री

– आरटीई नियमों के विपरीत स्कूल बंद कर दिए थे। इनमें छात्रों की पर्याप्त संभावनाएं हैं। नए सेशन से पहले भवन दुरुस्त आदि करवा दिए जाएंगे।
गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्यमंत्री
– स्कूल डीमर्ज होकर पुरानी व्यवस्था से ही चलेंगे, जबकि 10 स्कूल प्रशासनिक नियंत्रण में रहेंगे। अगले सत्र से पहले स्कूल शुरू किए जा सकते हैं।
सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय

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