विद्यालयों को सत्र 2020-21 से शुरू किया जाएगा।
प्राथमिक स्कूल के लिए न्यूनतम 15 का नामांकन, उ.प्रा. के लिए 30 व सुरक्षित भवन की उपलब्धता होने पर ही शुरू किया जा सकेगा।
प्राथमिक स्कूल के लिए 2 शिक्षक लेवल 1, उच्च प्राथमिक में लेवल 1 के दो व लेवल 2 के तीन शिक्षकों के पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में उपलब्ध आरक्षित पदों में से आवंटित किए जाएंगे।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल पृथक करने पर माध्यमिक शिक्षा पूर्वानुसार संचालित होगी।
डीमर्ज के बाद माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में पदों का निर्धारण स्टाफिंग पैटर्न (30.4.2015) के आदेशानुसार होगा।
पृथक से संचालित किए जाने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय को सत्र 2020-21 में एक से पांच कक्षाओं तक संचालित किया जाएगा। आगामी सत्रों में क्रमश: कक्षा 6, 7 व 8 संचालित होंगी।
यदि समन्वित विद्यालय का भवन किसी उपयोग में लिया जा रहा है तो उसे रिक्त करवाकर मुक्त किया जाने वाला विद्यालय उसी भवन में संचालित किया जाएगा।
जहां-जहां भवन जर्जर अवस्था में हैं, उसका परीक्षण करवाया जाएगा तथा सुरक्षित होने पर ही विद्यालय प्रारंभ करवाया जाएगा।
अतिरिक्त पदों की स्वीकृति जारी नहीं की जाएगी।
वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षामंत्री – आरटीई नियमों के विपरीत स्कूल बंद कर दिए थे। इनमें छात्रों की पर्याप्त संभावनाएं हैं। नए सेशन से पहले भवन दुरुस्त आदि करवा दिए जाएंगे।
गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्यमंत्री
सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय