scriptउपभोक्ता रेरा में नहीं रह सकता ठगा | A consumer of the real estate cannot be made remediless | Patrika News

उपभोक्ता रेरा में नहीं रह सकता ठगा

locationजयपुरPublished: Oct 10, 2018 12:19:59 am

Submitted by:

Shailendra Agarwal

प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत नहीं, तो भी उपभोक्ता को शिकायत का अधिकार
– रेरा न्यायाधिकरण ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट सम्बन्धी सरकार के नियमों को बताया कानून के विपरीत

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राजस्थान रियल स्टेट नियामक न्यायाधिकरण ने निर्माणाधीन आवासीय प्रोजेक्ट के मामले में स्पष्ट किया है कि प्रोजेक्ट भले ही पंजीकृत नहीं है, तब भी उपभोक्ता को शिकायत करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। न्यायाधिकरण ने रेरा के मामले में राज्य सरकार के नियमों को कानून के विपरीत करार दिया है।
न्यायाधिकरण ने मंगलवार को दो मामलों की सुनवाई के दौरान व्यवस्था दी कि कोई भी नियम कानून से ऊपर नहीं हो सकता। न्यायाधिकरणके पीठासीन अधिकारी उमेश कुमार शर्मा ने जैन रीयलटर्स व नारायण बिल्डर्स की अपीलों पर यह आदेश दिया है। अपीलार्थियों ने न्यायाधिकरण को बताया कि जेडीए ने 2006 में योजना लांच की और रतलिया योजना के तहत इस योजना के लिए जमीन ली गई, इसके लिए जेडीए को 4 करोड़ 17 लाख 91 हजार 914 रुपए जमा करा दिए गए। अपीलार्थियों की ओर से यह भी कहा गया कि प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत नहीं है और राज्य सरकार की ओर से बनाए गए रेरा के नियम 4 के तहत निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराना आवश्यक भी नहीं है। एक उपभोक्ता की ओर से अधिवक्ता पवन गुप्ता ने कहा कहा कि प्रोजेक्ट पूरा हो गया हो तो भी प्रमोटर के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार छीना नहीं जा सकता।
न्यायाधिकरण ने दोनों पक्ष सुनने के बद कहा कि रेरा के तहत राज्य सरकार की ओर से निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को लेकर बनाए नियम केन्द्र सरकार की ओर से बनाए कानून के विपरीत हैं। यदि प्रोजेक्ट पंजीकृत नहीं है तो भी रेरा प्राधिकरण प्रमोटर के खिलाफ शिकायत होने पर कार्रवाई करे। पंजीकरण नहीं होने के कारण उपभोक्ता को शिकायत करने के अधिकारी से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उपभोक्ता अधिकारविहीन नहीं है। इस मामले में जेडीए की आपत्तियों को भी खारिज कर दिया गया।
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