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कचरे का पहाड़ होगा जमींदोज, बनेगी बिजली

locationजयपुरPublished: Oct 10, 2019 11:18:44 am

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

-3 एकड़ जमीन पर कचरे से बिजली बनाने का लगेगा अत्याधुनिक प्लांट
-यूएस की कंपनी ने उद्योग विभाग को दिखाया ब्लू प्रिंट
-यूएस की कंपनी ने 8 शहरों में 20 हजार करोड़ रुपए निवेश की जताई जरूरत
-कचरे से बिजली, फ्यूल और पानी के प्लांट में दिखाई रूचि

कचरे का पहाड़ होगा जमींदोज, बनेगी बिजली

कचरे का पहाड़ होगा जमींदोज, बनेगी बिजली

जयपुर। कचरे और प्लास्टिक का निस्तारण करने के लिए अब राजधानी जयपुर समेत आठ शहरों में प्लांट लगेंगे। उद्योग विभाग निवेश के तौर पर ऐसे प्लांट के लिए जगह उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा। यह प्लांट जयपुर शहर में कचरा डंपिंग यार्ड के पास ही बनाए जाएंगे, जिससे की कचरे से बिजली बनाई जा सकेगी। अभी मथुरदासपुरा, लांगडियावास, सेवापुरा में डंपिंग यार्ड है, जहां शहरभर का कचरा एकत्रित किया जा रहा है।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक हुई, जिसमें यूएस की कंपनी एजी डॉटर्स ने यहां निवेश की इच्छा जताई। इसमें कचरे से बिजली बनाने से अलावा फ्यूल और पानी के प्लांट को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार स्तर पर होगा। इससे पहले उन्हें जमीन भी दिखाई जाएगी, जिसके लिए स्थानीय निकायों की भी जिम्मेदारी तय होगी। कंपनी यहां 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश करना चाह रही है। ब्यूरो ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशन की बैठक में उद्योग आयुक्त मुक्तानंद अग्रवाल के अलावा, ब्यूरो ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशन के नागेश शर्मा, नगर निगम के मुख्य अभियंता ए.के सिंघल, राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिशासी अभियंता के.सी गुप्ता, जेवीवीएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एम. रमण के अलावा एजी डॉटर्स व जेके सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
3 एकड़ जमीन की जरूरत..

यह कंपनी अत्याधुनिक तकनीक के जरिए ठोस व तरल कचरे का शत—प्रतिशत निष्पादन करने का दावा किया है। कंपनी ने 13735 मेगावाट बिजली का उत्पादन, 695 एमएलडी पीने का पानी और 495 एमएलडी फ्यूल में गैस व डीजल के उत्पादन की रूपरेखा बताई। कंपनी को कचरा डंपिग स्टेशन के पास ही 3 एकड़ भूमि की जरूरत होगी।यूएस में इसी तरह काम किया जा रहा है। जबकि, भारत के उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश में भी इकाइयां शुरू की गई है।

यह भी..
जे.के. सीमेंट विस्तार कार्यक्रम के तहत 868 करोड़ रु. का निवेश कर सीमेंट इकाई की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा। इससे 2.48 मिलियन टन उत्पादन का दावा किया गया।

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