उन्होंने कहा कि नव उद्यमी उद्यमिता के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की विशेष योजनाओं व सरकार की विशेष सुविधाओं की जानकारी इस पुस्तक से प्राप्त कर सकते हैं। नायडू ने कहा कि पुस्तक के अध्ययन के पश्चात नव उद्यमी उद्यम स्थापित करने में आने वाली विभिन्न समस्याओं का आसानी से निराकरण कर सकेंगे।
नायडू ने कहा कि कलराज मिश्र ने केन्द्र में इस विभाग के मंत्री रहते हुए देश में एम.एस. एम. ई. सेक्टर को नई दिशा दी। मिश्र ने इस सेक्टर के विकास के लिए सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुंचाया।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि यह पुस्तक उन युवाओं के लिए जो अपना उद्यम प्रारंभ करना चाहते हैं, मार्गदर्शक साबित होगी। आर्थिक उदारीकरण के युग के प्रांरभ होने के साथ-साथ भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में उद्यमिता के क्षेत्र में बहुत विस्तार हुआ है। सभी विकसित व विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में उद्यमिता, विशेष रूप से एम.एस.एम.ई सेक्टर का अहम योगदान रहा है। भारत में एम.एस.एम.ई सेक्टर का योगदान आयात में 40 प्रतिशत, विनिर्माण में 45 प्रतिशत व सकल घरेलू उत्पाद में 8 प्रतिशत रहा है।
राज्यपाल कलराज मिश्र की इस पुस्तक का प्राक्कथन पूर्व लोक सभा सदस्य शांता कुमार ने लिखा है। उपराष्ट्रपति को राज्यपाल कलराज मिश्र ने पुस्तक की प्रति लोकार्पण के लिए सौंपी। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला सत्यवती मिश्र, एम.एस.एम.ई. के पूर्व सचिव अनूप पुजारी व दिनेश राय, पुस्तक के संपादन सहयोगी बंसत कुमार, प्रभात प्रकाशन के प्रभात सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।