scriptद्रव्यवती नदी में बन रहा है पक्षियों का नया ठिकाना | A new place of birds is being built in the river Dravati | Patrika News

द्रव्यवती नदी में बन रहा है पक्षियों का नया ठिकाना

locationजयपुरPublished: Dec 08, 2019 01:19:04 am

Submitted by:

Ankit

साइबेरिया, उत्तरी यूरोप और उत्तरी चीन से आए पक्षियों में सर्वाधिक वेडर ग्रुप के पक्षी हैं।

द्रव्यवती नदी में बन रहा है पक्षियों का नया ठिकाना

द्रव्यवती नदी में बन रहा है पक्षियों का नया ठिकाना

जयपुर. कुछ साल पहले तक जो अमानीशाह नाला था, उसे अब उत्तर से दक्षिण तक बहने वाली द्रव्यवती नदी कहा जाने लगा है। जिसे सीमेंट से पक्का कर पानी के बहाव को बदला गया है। कुछ जगह ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर विषैले प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जाने लगा है। सर्दियों के आरंभ से ही करीब ४० किमी लंबी द्रव्यवती नदी के पेटे में ढेर सारे विदेशी पक्षियों ने इन दिनों डेरा डाल दिया है। पत्रिका के फोटो जर्नलिस्ट दिनेश डाबी ने एक दिन व्यतीत कर इन पक्षियों से पाठकों का परिचय कराने का प्रयास किया है। तट तथा छिछले पानी में भोजन तलाशते हुए पक्षी ज्यादा संख्या में हैं। साइबेरिया, उत्तरी यूरोप और उत्तरी चीन से आए पक्षियों में सर्वाधिक वेडर ग्रुप के वे पक्षी हैं, जो छिछले पानी में तेजी से दौड़ते हुए अपनी पतली तथा लंबी चोंच से वहां मौजूद माइक्रोआरगेनिस्म तलाश कर अपना भोजन बनाते हैं।
ये जूप्लांकटोन और फिटोप्लांकटोन जैसे जीव इनका प्रमुख भोजन हैं। रफ, रैड शेंक, लिटिल रिंग्ड, प्लोवर, कैंटिश, प्लोवर, स्टिंट तथा कई प्रकार के सेंडपाइपर नामक विदेशी पक्षी सर्वाधिक संख्या में हैं। गंदे और साफ दोनों ही पानी में ये अपना भोजन तलाशते हैं। बंबाला पुलिया के दोनों ओर अस्पताल के पीछे और गूलर बांध के पूर्व में इन पक्षियों का घनत्व ज्यादा है। इनके साथ कई देशी प्रजाति के पक्षी भी इनके साथ विचरण कर रहे हैं। इनमें प्रमुख प्रजातियां ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट है, जो दूर से देखने पर विदेशियों जैसी लगती है। पर्पल स्वाम्पहैन, कॉमन मूरहैन, व्ळाइट ब्रेस्टेड वाटर हैन वहां उगी जलीय वनस्पति के कारण अपना बर्चस्व स्थापित किए है। रिटोरी पानी के समीप अपनी तीखी आवाज सुनाती है, तो गीली जमीन पर ग्रे वैगटेल दाएं-बाएं घूमकर सूक्ष्म कीड़े तलाशती दिखती है। नगरवासियों के लिए मानो एक नया मनोरंजन हो गया हो।
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