पूरी कहानी कुछ यूं है। दरअसल तीन महिलाएं हैं उनका नाम है सुमन, मंजू और बंटी देवी। तीनों एक ट्रक ड्राईवर जिसका नाम हरिओम है को अपना पति बताती हैं। इधर हरिओम ने कहा- वह पेशे से ड्राइवर है। उसकी पहली शादी सुमन से हुई थी। लेकिन सात साल बाद तलाक हो गया। फिर मंजू से शादी हुई। उससे भी तलाक हो गया। बाद में वह बंटी के साथ रहने लगा। बंटी से झगड़े के बाद वह अलग रहने लगा। अब ये तीनों उससे चाहती क्या हैं, वह खुद नहीं समझ पा रहा कि मैं क्या करूं। फिलहाल किसी पक्ष ने शिकायत नहीं दी तो पुलिस ने आपसी बातचीत से मामला सुलझाने की बात कहकर तीनों को वापस भेज दिया।
तीनों थाने पहुंची थी इसका भी कारण था। गुरुवार को किसी ने पुलिस को बताया कि एक युवक एक महिला से झगड़ा कर रहा है। इस पर पुलिस पहुंची और झगड़ रहे ट्रक ड्राईवर हरिओम और उस महिला को थाने ले आई। थाने जाने के बारे में जब पता चला तो तीनों महिलाएं भी थाने आ पहुंची। हरिओम तो अंदर थाने में था और तीनों थाने के बाहर ही उसका इंतजार करने लगी। मामला बढ़ा तो तीनों महिलाओं में भी तू तू मैं मैं हो गई। पुलिस ने सुझलाना चाहा तब जाकर पूरा मामला सामने आया। पुलिस ने भी बिना किसी शिकातय लिए दिए हरिओम और उन सभी महिलाओं को थाने से रवाना कर दिया जो हरिओम पर अपना हक जमा रही थी। कहानी फिल्मी नहीं हैं और पूरी तरह से सच है। अब हरिओम यह डिसाईड नहीं कर पा रहा है कि उसे किसके साथ जाना हैं,,,। आप ही बताएं उसे किसके साथ जाना चाहिए…..?