scriptअर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राहतों की झड़ी | A wave of reliefs to speed up the economy | Patrika News

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राहतों की झड़ी

locationजयपुरPublished: Aug 24, 2019 12:18:25 am

नई दिल्ली। वित्त मंत्री ( finance ministry ) ने कहा कि विकसित और विकासशील देशों ( Developing countries ) के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian economy ) अभी भी तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में भागीदारी करने वाले प्रमुख क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में हुई चर्चा के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों को गति देने के लिए राहतों की घोषणाएं ( Announcements of relief ) की गई है। उन्होंने कहा कि संपदा निर्माण करने वालों, कराधान से जुड़े मुद्दों, बैंकों, गैर बैंङ्क्षकग फाइनेंस कंपनियों और एमएसएमई (msme) के साथ ही पूंजी प्रवाह बढ़ाने और वित्तीय बाजार के रूप में उभरने, इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑटोमोबाइल ( automobile ) क्षेत्र के लिए अभी उपायों की घोषणाएं की गई है और अगले सप्ताह घर खरीदने वालों और रियल एस्टेट डेवलपरों के राहत के उपाय घोषित किए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मंत्रालय के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ चर्चा में ये घोषणाएं की।

निवेशकों पर लगा सरचार्ज वापस लिया
बजट में उच्च आय वर्ग पर लगाए गए उपकर के कारण घरेलू निवेशक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक परेशान हैं। इसके मद्देनजर इन घरेलू निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर पडऩे वाले अतिरिक्त बोझ को वापस लिया जा रहा है। इसके तहत दीर्घकालिक या अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर वर्ष 2018-19 के लिए जारी कर व्यवस्था ही प्रभावी होगी। इस निर्णय से सरकार के राजस्व में 1400 करोड़ रुपए की कमी आएगी।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मिली बड़ी राहत
इसी तरह से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अगले वर्ष एक अप्रेल से नई व्यवस्था अर्थात बीएस-6 के लागू होने के मद्देनजर ग्राहकों के मन में बीएस-4 वाहनों को लेकर आशंकाएं हैं, जिसे दूर किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए सभी बीएस-4 वाहन पूर्ण पंजीयन अवधि तक के लिए वैध रहेंगे। इसके साथ ही वाहनों के पंजीयन पर लगने वाले एक मुश्त शुल्क की होने वाली समीक्षा को 31 मार्च 2020 तक के लिए टाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब से लेकर 31 मार्च 2020 तक खरीदे जाने वाले वाहनों पर मूल्य में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इस कमी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पुराने वाहनों के स्थान पर नए वाहन खरीदने पर लगी रोक को हटाएगी और पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप नीति लाने के साथ ही विभिन्न उपायों पर भी विचार करेगी।
बैंकों में 70 हजार करोड़ का निवेश
सरकार बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश करने जा रही है और इसके अतिरिक्त पांच लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। इससे तंत्र में तरलता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नीतिगत दरों में की जाने वाली कटौती का लाभ तत्काल उपभोक्ताओं को मिले इसके लिए बैंक अब अपनी ब्याज दरों को सीमांत लागत ब्याज दर (एमसीएलआर) से जोड़ रहे है तथा आवास ऋण, वाहन ऋण और व्यक्तिगत ऋण को रेपो दर से जोड़ा जा रहा है, ताकि रेपो दर में होने वाली कटौती से इन ऋण के किश्तों में कमी आ सके और उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिल सके। इसके अतिरिक्त ऋण खाते के बंद होने के 15 दिनों के भीतर बैंक ऋण के लिए रखे गए दस्तावेज कर्जदार को वापस लौटाएंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 लाख करोड़ का निवेश
देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में पांच वर्षाें में 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए आर्थिक मामलों के विभाग ने अंतर मंत्रालयीन समिति बनाई है। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के मध्यस्थता वाले मामलों में लगाए गए जुर्माने की 75 फीसदी राशि का भुगतान किया जाएगा, ताकि आगे इस पर ब्याज कम लगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आवास बैंक ने हाउङ्क्षसग फाइनेंस कंपनियों को दी जाने वाली राशि को 20 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपए करेगा। इससे आवास ऋण की उपलब्धता बढ़ेगी।
एमएसएमई कानून को संशोधित किया
एमएसएमई कानून को संशोधित कर इस क्षेत्र की सभी कंपनियों के लिए एमएसएमई की एक ही परिभाषा बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि खुदरा, एमएसएमई, आवास, वाहन और कार्यशील पूंजी से जुड़े ऋण आवेदन व्यवस्था ऑनलाइन की जाएगी, ताकि इसमें अधिक पारदर्शिता आ सके। बैंक एमएसएमई और खुदरा ऋण लेने वालों के विवादों के एकमुश्त निपटान की नीति बनाएंगे। एनबीएफसी को अब बैंक की तरह आधार आधारित केवाईसी की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए पीएमएलए और आधार नियमन में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। एमएसएमई के सभी लंबित जीएसटी रिफंड 30 दिनों में पूरे किए जाएंगे और भविष्य में रिफंड के आवेदन किए जाने के बाद 60 दिनों में इसका भुगतान कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त भारतीय कंपनियों के वैश्विक बाजार में पहुंच बढ़ाने, घरेलू खुदरा निवेशकों के लिए आधार आधारित केवाईसी को अपनाने और विदेशी निवेशकों तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
सीएसआर आपराधिक मामला नहीं होगा
सीएसआर को कानून पूरा करने को आपराधिक मामला नहीं माने जाने की घोषणा करते हुए कहा कि सीएसआर के तहत जारी परियोजनाओं को समय पर पूरा किए जाने को लेकर सरकार पुनरीक्षित आदेश जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर 2019 से आयकर से जुड़े आर्डर, नोटिस, सम्मन, पत्र आदि केन्द्रीकृत व्यवस्था से जारी किए जाएंगे और इसके लिए एक दस्तावेज पहचान संख्या जारी किया जाएगा। इसके बगैर कोई भी नोटिस या पत्र वैध नहीं होगा और कंप्यूटर के बगैर जारी पत्र मान्य नहीं होगा। सभी पुराने मामलों को एक अक्टूबर तक निपटा लिया जाएगा और जो मामले नहीं निपटेंगे उसे ऑनलाइन वाली व्यवस्था में डाला जाएगा। एक अक्टूबर से सभी नोटिस जबाव दिए जाने के तीन महीने के भीतर निपटाये जाएंगे।
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