जयपुर

50 हजार प्रकाशन र्इ-ग्रंथालय के जरिए आॅनलाइन होंगे उपलब्ध, सदस्यता के लिए आधार-भामाशाह कार्ड जरूरी

ई-लाइब्रेरी की सदस्यता लेने के लिए भी आधार या भामाशाह कार्ड देना होगा।

जयपुरAug 06, 2017 / 10:18 am

Abhishek Pareek

जयपुर। लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए सदस्यता लेनी होती है आैर अक्सर ये सदस्यता अापके पहचान पत्र के रूप में होती है फिर चाहे ये वोटर आर्इडी हो या ड्राइविंग लाइसेंस या फिर कोर्इ अन्य पहचान। हालांकि अब आधार कार्ड का जमाना है तो लाइब्रेरी में भी आधार कार्ड की मांग की जाने लगी है। जी हां, ई-लाइब्रेरी की सदस्यता लेने के लिए भी आधार या भामाशाह कार्ड देना होगा। हाल ही में आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय ने 50 हजार प्रकाशनों को ऑनलाइन मुहैया कराने के लिए ई-ग्रंथालय की शुरुआत की है, इसके सदस्य बनने के लिए आधार या भामाशाह कार्ड की अनिवार्यता रखी गर्इ है। ई-ग्रंथालय को हाल ही जयपुर आए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने जनता के लिए समर्पित किया था। इन प्रकाशनों में देश और प्रदेश की विकास का सफर बताने वाली पुस्तकें शामिल हैं। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशक ओ पी बैरवा ने बताया कि इन पुस्तकों को डिजिटलाइज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इस ई-लाइब्रेरी के सदस्य योजना भवन स्थित ई-ग्रंथालय जाकर न केवल पुस्तकों को देख सकेंगे, बल्कि प्रिंट भी ले सकेंगे। ई-ग्रंथालय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के गजेटियर्स भी उपलब्ध होंगे। पुस्तकों के डिजिटल फॉर्मेट में होने से उनको जूम करके देखा जा सकेगा। रिसोर्स सेंटर भी बनाया गया है, जहां ग्रुप में चर्चा की जा सकेगी। आयोग ने सांख्यिकी निदेशालय के कामकाज की समीक्षा भी की।
र्इ ग्रंथालय की शुरुआत से एेसे लोगों को जरूर फायदा होगा जो कि अपने व्यस्त समय के चलते किसी पुस्तकालय में नहीं जा पाते हैं। एेसे लोग अब घर बैठे ही पुस्तकों की दुनिया से रूबरू हो सकेंगे। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय की ये पहल वाकर्इ सराहनीय है। 50 हजार पुस्तकों के प्रकाशनों के आॅनलाइन मुहैया होने से हर वर्ग, हर उम्र के पाठक की पढ़ने की इच्छा पूरी हो सकेगी आैर वे इसका लाभ उठा सकेंगे।
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