इस ई-लाइब्रेरी के सदस्य योजना भवन स्थित ई-ग्रंथालय जाकर न केवल पुस्तकों को देख सकेंगे, बल्कि प्रिंट भी ले सकेंगे। ई-ग्रंथालय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के गजेटियर्स भी उपलब्ध होंगे। पुस्तकों के डिजिटल फॉर्मेट में होने से उनको जूम करके देखा जा सकेगा। रिसोर्स सेंटर भी बनाया गया है, जहां ग्रुप में चर्चा की जा सकेगी। आयोग ने सांख्यिकी निदेशालय के कामकाज की समीक्षा भी की।
र्इ ग्रंथालय की शुरुआत से एेसे लोगों को जरूर फायदा होगा जो कि अपने व्यस्त समय के चलते किसी पुस्तकालय में नहीं जा पाते हैं। एेसे लोग अब घर बैठे ही पुस्तकों की दुनिया से रूबरू हो सकेंगे। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय की ये पहल वाकर्इ सराहनीय है। 50 हजार पुस्तकों के प्रकाशनों के आॅनलाइन मुहैया होने से हर वर्ग, हर उम्र के पाठक की पढ़ने की इच्छा पूरी हो सकेगी आैर वे इसका लाभ उठा सकेंगे।