राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा था। वहीं, 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी ने चुनाव तो लड़ा, लेकिन प्रदर्शन उपस्थिति मात्र से आगे नहीं बढ़ सका। 132 विस सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी खड़े किए, लेकिन कहीं भी पार्टी जमानत नहीं बचा सकी। विस चुनाव के दौरान पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान की बजाय छत्तीसगढ़ और मप्र में ज्यादा सक्रिय रहा।
जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब दो-दो नगर निगम हैं। ऐसे में वार्ड आबादी के लिहाज से और छोटे हो गए। पार्टी के कार्यकर्ता लगातार सक्रिय भी हैं। पार्टी के प्रभारी देवेंद्र शास्त्री का कहना है कि पार्टी निकाय चुनाव लड़ेगी। अब तक चुनाव चिन्ह को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत का असर शहर में भी दिखाई दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और लड्डू बांटे। पार्टी प्रवक्ता विश्वामित्र बोहरा ने कहा कि दिल्ली की जीत विकास की जीत है। वहीं जयपुर जिलाध्यक्ष जवाहर शर्मा ने कहा कि इस जीत से राज्य के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और पार्टी दमदारी के साथ आने वाले चुनाव लड़ेगी।