सूचना पर पहुंची पुलिस ने मोके पर जाकर देखा तो कलेजा फटा का फटा रह गया। दोनों जुडवा नवजात बालिकाएं अपने मां के आॅचल का छांव पाने के लिए आवाज लगा रही थीं। पुलिस ने नवजात बालिकाओ को देखकर आस-पास परिजनो की तलाश की लेकिन मां का कहीं अता पता नही था। पुलिस ने 108 एम्बूलेन्स की सहायता से दोनोे नवजाता को जिला अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में भर्ती करवाया, जहाँ उनका इलाज किया जा रहा है।
दोनो बालिकाओ को सुबह साढे चार बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बालिकाओ को इलाज कर रहे डा सुनील शर्मा का कहना है दोनो बालिकाएं जुडवां हैं और बीस से 25 दिन की उम्र की लग रही हैं। दोनेां बालिकाओ को छोडने से पूर्व दूध भी पिलाया गया है और वो पूरी तरह से स्वास्थ्य लग रही हैं। फिलहाल उनकी कुछ जांच करायी गयी है वो सामान्य इलाज शुरु कर दिया गया है। उनको मदर मिल्क बैंक का दूध पिलाया जा रहा है।
दोनो मासूम अब जिला अस्पताल में वार्मार पर मां के आंचल के बिना जमाने से अपने अस्तित्व की जंग लड रही है। जुडवां नवजात बालिकाओं की जानकारी मिलने के साथ ही चाइल्ड लाइन टीम की लवली जैन एवं डायरेक्टर अरविन्द सिंह एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश सोनी ने मोके पर पहुंच कर नवजात बालिकाअेां की जानकारी ली और उनके बेहतर इलाज के लिए सम्बन्धित चिकितसको से वार्ता की । बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश सोनी का कहना है कि दोनेा नवाजातो का अभी इलाज चल रहा है और चिकित्सकों को बेहतर इलाज हेतु निर्देश दिये गये हैं। जब बालिकाएं पूरी तरह से स्वास्थ हेा जाएंगी तो उनके पुनर्वास की कार्यवाई की जायेगी।