scriptपुराने कंट्रोल रूम की तर्ज पर संदेशवाहक ही बन कर रह गया अभय कमांड सेंटर | abhay command center can't work properly | Patrika News

पुराने कंट्रोल रूम की तर्ज पर संदेशवाहक ही बन कर रह गया अभय कमांड सेंटर

locationजयपुरPublished: Feb 01, 2019 11:23:13 am

Submitted by:

Mridula Sharma

रुकी रफ्तार, खम्भे तो लगाए, लेकिन कैमरे नहीं लगे

abhay command center

पुराने कंट्रोल रूम की तर्ज पर संदेशवाहक ही बन कर रह गया अभय कमांड सेंटर

जयपुर. कैमरे लगाने के लिए शहर में चप्पे-चप्पे पर खम्भे लगा दिए गए लेकिन उन पर कैमरे नहीं लगे। यहां तक कि सचिवालय के सामने कई माह बाद भी कतार से लगे खम्भों पर कैमरे नहीं लग सके हैं। ऐसे में अपराधियों पर नजर रखने के लिए बना पुलिस कमिश्नरेट का अभय कमांड सेंटर पुराने कंट्रोल रूम की तर्ज पर संदेशवाहक ही बनता जा रहा है। हालात ये हैं कि दिसम्बर तक लगने वाले 1700 में से मात्र 650 कैमरे ही लगे हैं। इनमें से 130 कैमरे खराब हैं।
शहर में कैमरे लगने की शुरुआत सबसे पहले यातायात व्यवस्था के तहत हुई थी। इसमें जेएलएन मार्ग और टोंक पर जेडीेए ने कैमरे लगवाए। फिर कैमरों की उपयोगिता देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट में अभय कमांड सेंटर स्थापित किया गया। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद बने इस सेंटर में कमांड ही नहीं मिल रही। सेंटर की स्थापना के समय ही तय किया गया था कि दिसम्बर 2018 तक शहर में 1700 कैमरे लगेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नई योजना में मात्र 187 कैमरे लगाए गए। शहर में जेडीए ने 207 कैमरे पूर्व में ही लगा रखे हैं।
इनका मुख्य काम यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखना है। इसके अलावा 4 जी टावर लगाने वाली कम्पनी ने 174 कैमरे लगए हैं। अपराध की रोकथाम के उद्देश्य से कैमरे लगाने की जिम्मेदारी डीओआइटी को दी गई। अभय कमांड सेंटर की स्थापना के साथ ही कैमरे लगााने के लिए पुलिस ने स्थान चिह्नित किए। इन स्थानों पर शहर में सैकड़ों खम्भे खड़े कर दिए गए। लेकिन कई माह से इन खम्भों पर कैमरे नहीं लगे। सचिवालय के सामने जनपथ पर भी खम्भे बिना कैमरों के ही खड़े हैं। डीओआइटी ने मात्र 187 कैमरे लगाए हैं।
कैमरों की उचित सार-संभाल नहीं
शहर में लगे कैमरों की देखरेख के लिए डीओआइटी ने एक टीम कमिश्नरेट पर तैनात कर रखी है। टीम कैमरों की सार-सम्भाल ठीक से नहीं कर पा रही है। करीब 130 कैमरे खराब हैं, जिनका उपयोग नहीं हो पा रहा। कई में स्थाई रूप से नेटवर्क की परेशानी है।
कैसे पूरा होगा 6 हजार कैमरों का लक्ष्य
शहर में 6 हजार कैमरे लगाने की योजना है। शहर के हर क्षेत्र को कैमरों से जोडऩे की योजना है। कैमरे लगने से शहर का हर हिस्सा सीधे रूप से कंट्रोल रूम से जुड़ जाएगा। वहां बैठे पुलिसकर्मी सीधे नजर रख सकेंगे। कैमरे लगाने रफ्तार से जाहिर है कि यह लक्ष्य अभी मुश्किल है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो