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अभिजीत बनर्जी : नोटबंदी के विरोधी…न्यूनतम आय योजना के पक्षधर

locationजयपुरPublished: Oct 15, 2019 02:03:49 am

Submitted by:

sanjay kaushik

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी(Abhijit Banerjee), उनकी पत्नी इस्थर डूफलो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार(Nobel Prize for Economics) देने की घोषणा की गई है। अभिजीत बनर्जी वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने नोटबंदी के विरोध(Opponent of Demonetisation) में अपना मत दिया था और कांग्रेस के घोषणा-पत्र(Congress Manifesto) में न्यूनतम आय योजना को शामिल करने की सलाह(Advocates for minimum income scheme) दी थी।

अभिजीत बनर्जी : नोटबंदी के विरोधी...न्यूनतम आय योजना के पक्षधर

अभिजीत बनर्जी : नोटबंदी के विरोधी…न्यूनतम आय योजना के पक्षधर

-अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी समेत तीन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

-गरीबी दूर करने की दिशा में एक्सपेरीमेंट अप्रोच के लिए मिला अवॉर्ड

स्टॉकहोम। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी(Abhijit Banerjee), उनकी पत्नी इस्थर डूफलो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर को वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार(Nobel Prize for Economics) देने की घोषणा की गई है। तीनों अर्थशास्त्रियों को दुनिया भर में गरीबी दूर करने की दिशा में प्रयोग दृष्टिकोण यानी एक्सपेरीमेंट अप्रोच के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। साथ ही ये बात भी गौर करने लायक है कि अभिजीत बनर्जी वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने नोटबंदी के विरोध(Opponent of Demonetisation) में अपना मत दिया था और कांग्रेस के घोषणा-पत्र(Congress Manifesto) में न्यूनतम आय योजना को शामिल करने की सलाह(Advocates for minimum income scheme) दी थी। बनर्जी भारतीय मूल के दूसरे अर्थशास्त्री हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है। उनसे पहले भारतीय अर्थशास्त्री अमत्र्य सेन को 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। नोबल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले सबसे पहले भारतीय नागरिक महान लेखक एवं कवि रवींद्रनाथ टैगोर थे जिन्हें 1913 में उनके काव्य संग्रह ‘गीतांजलिÓ के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
—नोटबंदी पर अभिजीत का मत

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने मोदी सरकार की ओर से की गई नोटबंदी का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि मैक्रोइकोनॉमिक नीतियों में प्रयोग विरला ही होता है। ऐसा ही एक अपवाद नोटबंदी था। नोटबंदी को लेकर शुरुआत में जिस नुकसान का अनुमान किया जा रहा था, वास्तव में यह उससे कहीं ज्यादा होगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की नम्रता काला के साथ संयुक्त तौर पर लिखे गए अपने लेख में उन्होंने नोटबंदी की जमकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान असंगठित क्षेत्र को होगा जहां भारतीय श्रम क्षेत्र में 85 प्रतिशत या उससे ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
-न्यूनतम आय योजना पर अभिजीत की सलाह

इस बार यह पुरस्कार हासिल करने वाले बनर्जी ही वह शख्स थे, जिन्होंने 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा-पत्र में न्यूनतम आय योजना को शामिल किए जाने की सलाह दी थी। वर्ष 1961 में कोलकाता में जन्मे बनर्जी ने साउथ प्वाइंट स्कूल एंड प्रेसीडेंसी कालेज से 1981 में अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
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