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एबीवीपी के कार्यकर्ता का कुलपति की कुर्सी पर बैठने के मामले को लेकर दो फाड़ हुआ एबीवीपी संगठन

locationजयपुरPublished: Oct 12, 2019 09:56:41 am

Submitted by:

HIMANSHU SHARMA

प्रांत मंत्री ने कहा कार्रवाई करेंगे वहीं दूसरे कार्यकर्ता आए समर्थन में

rajasthan university

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जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय में एबीवीपी के कार्यकर्ता के कुलपति कीकुर्सी पर बैठने को लेकर एबीवीपी संगठन दो फाड़ हो गया हैं। संगठन के कार्यकर्ता सज्जन सैनी के कुलपति की कुर्सी पर बैठने पर विश्वविद्यालय की ओर से एफआईआर करवाने के बाद एबीवीपी के प्रदेश मंत्री होशियार मीणा ने अपने ही कार्यकर्ता को गलत बताते हुए कहा था कि कार्यकर्ता का यह कृत्य गलत है हम कार्रवाई करेंगे। लेकिन संगठन के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता कुलपति की कुर्सी पर बैठने वाले छात्रनेता के समर्थन में आ गए है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद से छात्रनेता सज्ज्न सैनी अपना फोन बंद कर फरार हो गया है लेकिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लगातार पोस्ट कर खुद की मदद मांगने के लिए अपील कर रहा हैं। जिसके बाद संगठन के कार्यकर्ता दो फाड़ नजर आ रहे हैं।
फोन बंद लेकिन सोशल मीडिया से मांगी मदद
कुर्सी पर बैठने वाले छात्र को पुलिस लगातार ढूंढ रही है। लेकिन वह मिल नहीं रहा है। हालांकि फोन बंद है लेकिन हर दो घंटे में फेसबुक पर पोस्ट कर छात्रनेता मदद मांग रहा है। जिसके बाद से एबीवीपी से महासचिव पद चुनाव लड़े कार्यकर्ता दिनेश गरेड,हाल ही में एबीवीपी के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी दीपक कुमार सहित एबीवीपी के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी एबीवीपी के प्रदेश मंत्री के कार्रवाई करने की बात कहने के बाद भी छात्रनेता के समर्थन में आ गए है। सोशल मीडिया से लेकर कैंपस में संगठन दो फाड़ नजर आया। जिसमें एक गुट समर्थन में तो दूसरा विपक्ष में नजर आया।
कही कुलपति की सुरक्षा के लिए तो नहीं यह सब
हाल ही राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके कोठारी की सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मियों को सरकार ने हटा दिया था। जिसके बाद से कुलपति लगातार सुरक्षाकर्मियों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय में चर्चा रही कि कही कुलपति की सुरक्षा में सेंध लगवाकर सुरक्षाकर्मी वापस लगाए जाने को लेकर तो किसी ने यह प्रायोजित कार्यक्रम तो नहीं करवाया है। क्योकि विद्यार्थी परिषद संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोई भी धरना प्रदर्शन करने से पहले संगठन को सूचना देनी होती है लेकिन हमारे कार्यकर्ता ने ऐसा नहीं किया और उसने कुर्सी पर बैठने जैसा कदम उठा लिया।
इन्होंने यह कहा
कार्यकर्ता का यह कृत्य गलत है हम उस पर कार्रवाई करेंगे।
होशियार मीणा,प्रदेश मंत्री एबीवीपी
माना क़ि छात्र नेता ने क़ानून हाथ में लिया है लेकिन जब छात्र हितों का हनन चरम सीमा पर हो तो प्रशासन को आइना दिखाना भी ज़रूरी है। कुलपति को शर्म आनी चाहिए।
दिनेश गरेड़,एबीवीपी
हम सज्जन कुमार के साथ है। आम छात्र की समस्याओं के निराकरण के लिए विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से दुश्मनी ले ली। इसमें उनका कोई हित नही था और जो लोग विरोध कर रहे उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए चार काम भी किए है तो उन्हें पता होगा कि यहाँ का प्रशासन कितना निकम्मा हैं।
दीपक कुमार,एबीवीपी उपाध्यक्ष प्रत्याशी
राजस्थान विश्वविद्यालय में 2 दिन से जो माहौल बनाया जा रहा है कुलपति की कुर्सी पर बैठकर उसकी गरिमा को गिराया है। अगर वह गलत है तो क्या राजस्थान विश्वविद्यालय का कुलपति सही है। कुलपति को नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में जांच चल रही है।
हीरालाल मीणा,एनएसयूआई
इसके अलावा महारानी कॉलेज की छात्राएं,एक पार्षद,एबीवीपी के पूर्व महासचिव प्रत्याशी राकेश यादव ने भी एबीवीपी संगठन के विरोध में नजर आए।
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