पीडि़त ठेकेदार ने 3 फरवरी को एसीबी में शिकायत की थी। सत्यापन में कनिष्ठ अभियंता ने 30 में से 10 हजार रुपए ले लिए। शेष राशि बाद में देना तय हुआ। पीडि़त को परिवार में काम होने पर वह कनिष्ठ अभियंता को रकम देने नहीं गया।
इस पर शुक्रवार को कनिष्ठ अभियंता अजय ने ठेकेदार को फोन कर कहा कि क्या हुआ? तुम आए नहीं। फिर शुक्रवार को 20 हजार रुपए लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय में खुद के कार्यालय में बुलाया। एसीबी टीम भी वहां पहुंच गई। विश्वविद्यालय में रिश्वत की राशि लेने के बाद आरोपी को पकड़ लिया।