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तहसीलदार का रीडर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, पता चलते ही भाग निकला तहसीलदार

locationजयपुरPublished: Feb 20, 2019 10:10:09 am

Submitted by:

santosh

एसीबी ने कलक्ट्रेट स्थित जयपुर तहसीलदार गजेन्द्र गोयल के रीडर को कार्यालय में 5000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।

tehsildar reader arrested
जयपुर। एसीबी ने कलक्ट्रेट स्थित जयपुर तहसीलदार गजेन्द्र गोयल के रीडर को कार्यालय में 5000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। वहीं, यह रकम मंगाने वाला आरोपी चालक गोयल को लेकर कालाडेरा स्थित सरकारी शिविर में गया था। एसीबी ने रीडर से फोन करवाया कि पीडि़त ने रुपए दे दिए हैं।
इस पर रीडर ने कहा कि तूने किसको भिजवा दिया। यह सुनते ही चालक भाग गया। फिर एसीबी ने पुलिस भेज तहसीलदार को बुलाया, लेकिन वह भी भाग निकला। दोनों के ही मोबाइल फोन बंद हैं। एसीबी एएसपी आलोक सिंघल ने बताया कि गिरफ्तार रीडर विजय सिंह (43) मानसरोवर निवासी है। वहीं, फरार हरमाड़ा निवासी चालक अशोक पुत्र शंभूदयाल है। कलक्ट्रेट कर्मियों ने बताया कि शंभूदयाल सरकारी चालक है।
तहसीलदार की सरकारी गाड़ी उसी के नाम से अलॉट है। सवा साल से यह गाड़ी अशोक शर्मा चला रहा था। एएसपी ने बताया कि शास्त्री नगर निवासी कालू सिंह ने 14 फरवरी को शिकायत की थी। इसमें बताया कि उसका ब्याज का धंधा है।
इसके लिए साहूकारी अनुज्ञापत्र रिन्यू कराना है, जिसमें कि तहसीलदार की जांच रिपोर्ट लगती है। हर बार तहसीलदार टाल देता था। गत गुरुवार को अशोक घर आया व कलक्ट्रेट के 56 नंबर कमरे में रुपए लेकर आने को कहा। एसीबी द्वारा सत्यापन कराने पर अशोक व रीडर ने फरियादी से 4000 रुपए मांगे।

अगले दिन लेकर पहुंचा
15 फरवरी को अशोक तहसीलदार को लेकर कालूसिंह के घर पहुंचा। कुछ मुआयने के बाद अशोक ने अकेले में पीडि़त को घूस लेकर आने को कहा। फिर वह और तहसीलदार चले गए। अशोक ने फरियादी को मंगलवार को ऑफिस बुलाया। सुबह करीब पौने बारह बजे फरियादी बताए गए पते पर पहुंचा, लेकिन अशोक नहीं मिला। फोन पर उसने रकम विजय को देने को कहा। रुपए लेते ही जैसे ही विजय दूसरे गेट से बाहर निकलने लगा, तभी एसीबी ने उसे पकड़ लिया। विजय ने रुपए दराज में पटक दिए व जबरन देने की बात कही। वहीं, एसीबी कार्रवाई की भनक लगते ही कई कर्मचारी भाग गए।
छह माह बाद है सेवानिवृत्ति:

कलक्ट्रेट में कर्मचारियों ने बताया कि तहसीलदार मौका मुआयना देखने नहीं जाते। उनकी तरफ से मौका रिपोर्ट पटवारी बनाता है। गोयल की 6 माह बाद सेवानिवृत्ति है। अब मामले में एसीबी तहसीलदार की भूमिका की पड़ताल कर रही है।
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