scriptझुंझुनूं के सैनिक स्कूल में स्टाफ से परेशान लेखाधिकारी ने की आत्महत्या | Accountant harassed by staff Jhunjhunu Sainik School commits suicide | Patrika News

झुंझुनूं के सैनिक स्कूल में स्टाफ से परेशान लेखाधिकारी ने की आत्महत्या

locationजयपुरPublished: Dec 20, 2019 01:11:12 am

Submitted by:

vinod

शहर के निकटवर्ती गांव दोरासर स्थित सैनिक स्कूल (military school) में गुरुवार को एक कर्मचारी ने आत्महत्या (Employee suicide) कर ली। पहले बच्चों के साथ कुकर्म और अब आत्महत्या के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ग्रामीण पूरे स्टाफ को बदलने की मांग (Demand to change staff) उठाने लगे हैं।

झुंझुनूं के सैनिक स्कूल में स्टाफ से परेशान लेखाधिकारी ने की आत्महत्या

झुंझुनूं के सैनिक स्कूल में स्टाफ से परेशान लेखाधिकारी ने की आत्महत्या

-पहले बच्चों के साथ कुकर्म और अब सुसाइड

झुंझुनूं। शहर के निकटवर्ती गांव दोरासर स्थित सैनिक स्कूल (military school) में गुरुवार को एक कर्मचारी ने आत्महत्या (Employee suicide) कर ली। पहले बच्चों के साथ कुकर्म और अब आत्महत्या के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। ग्रामीण पूरे स्टाफ को बदलने की मांग (Demand to change staff) उठाने लगे हैं।
एसपी गौरव यादव ने बताया कि झुंझुनूं जिले का निवासी कमल सिंह दोरासर स्थित सैनिक स्कूल में लेखाधिकारी पद पर कार्यरत था, जिसने गुरुवार देर शाम फांसी का फंदा बनाकर स्कूल में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। स्कूल प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पंखे से उतरवाकर बीडीके अस्पताल झुंझुनूं की मोर्चरी में रखवाया। प्रथम दृष्टया आत्महत्या करने के पीछे स्टाफ द्वारा परेशान करना बताया जा रहा है। इससे पहले मृतक कमल सिंह आर्मी में सूबेदार था और दोरासर में जब से सैनिक स्कूल संचालित हुआ तब से यहीं पर कार्यरत था और हाल ही में स्कूल में घटित घटना से मृतक का कोई जुड़ाव नहीं बताया जा रहा है। आत्महत्या के बाद अब जिले के फौजी, ग्रामीण व अनेक संगठन पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के साथ पूरा स्टाफ बदलने की मांग कर रहे हैं।
दिन में पहुंची थीं बाल आयोग अध्यक्ष
बतादें कि कर्मचारी के शुकवार शाम को आत्महत्या करने से पहले दिन में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल सैनिक स्कूल पहुंची थीं। उन्होंने वहां के बच्चों की काउंसलिंग की थी तथा स्टाफ से भी जानकारी जुटाई थी। संगीता बेनीवाल ने बताया कि झुंझुनूं पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुसंधान नहीं किया। अभिभावकों ने बताया कि मामले में पुलिस ने कोताही बरती है, क्योंकि सात दिसंबर को एक बच्चे ने बैठक में इसकी शिकायत की। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने यह बात कलेक्टर को बताई और कलेक्टर ने इस मामले से पुलिस को अवगत कराया। इसके बावजूद पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में नहीं लिया। यहां तक की बच्चों को मेडिकल भी पुलिस ने तीन दिन बाद कराया। पुलिस पूरे मामले को दबाती रही। झुंझुनूं सदर थाने के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
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