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पटियाला हाउस कोर्ट में फिर फांसी रोकने की अर्जी, सरकारी वकील बोले-ये इंसाफ का मजाक

locationजयपुरPublished: Jan 31, 2020 02:36:02 am

Submitted by:

anoop singh

निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट से दोषी अक्षय की अर्जी खारिज
 

पटियाला हाउस कोर्ट में फिर फांसी रोकने की अर्जी, सरकारी वकील बोले-ये इंसाफ का मजाक

पटियाला हाउस कोर्ट में फिर फांसी रोकने की अर्जी, सरकारी वकील बोले-ये इंसाफ का मजाक

नई दिल्ली.
निर्भया गैंग रेप केस के दूसरे दोषी अक्षय को भी सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उसकी भी फांसी रोकने की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटिशन) गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। अब मुकेश की तरह अक्षय भी राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर कर सकता है। मुकेश की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। दोषियों में अब मुकेश के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी होगी या नहीं, इस पर संशय अभी बना हुआ है। इस बीच, 1 फरवरी को फांसी टालने के लिए चारों दोषियों ने अपने वकीलों के माध्यम से दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का इस आधार पर फिर से दरवाजा खटखटाया है कि दोषी विनय की दया याचिका अब भी राष्ट्रपति के पास लंबित है। इस अर्जी विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि इस प्रकार के दांवपेच से इंसाफ का मजाक उड़ाया जा रहा है। पटियाला हाउस कोर्ट फांसी की तयशुदा तरीख एक फरवरी को आगे बढ़ाने पर शुक्रवार को फैसला करेगी।
इससे पहले अक्षय की अर्जी खारिज करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, आर. भानुमति और अशोक भूषण की बेंच ने सुनाया। बैंच ने कहा कि हमने क्यूरेटिव पिटिशन में कोई नई बात नहीं पाई।
फांसी टालने का एक और दांव
पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को चारों दोषियों के वकीलों ने 1 फरवरी को फांसी टालने के लिए एक और दांव लगाते हुए नई अर्जी लगाई है।
– दिल्ली जेल कानून के अनुसार समान अपराध के दोषियों के सभी कानूनी विकल्प पूरे होने के बाद ही फांसी लगाई जा सकती है।
– दोषी विनय की दया याचिका अब भी राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है।
– दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी दी जा सकती है।

चारों दोषियों के कानूनी विकल्प

मुकेश सिंह
रिव्यू पिटिशन: जुलाई 2018 को खारिज
क्यूरेटिव पिटिशन: 14 जनवरी को खारिज
दया याचिका: 17 जनवरी, 2020 को राष्ट्रपति ने खारिज की। सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका। 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से खारिज। अब कोई विकल्प नहीं
अक्षय ठाकुर
रिव्यू पिटिशन: दिसंबर, 2019 में खारिज
क्यूरेटिव पिटिशन: 30 जनवरी, 2020 को सुप्रीम कोर्ट से खारिज
दया याचिका: राष्ट्रपति के पास अभी तक नहीं लगाई गुहार, ये विकल्प शेष

पवन गुप्ता
रिव्यू पिटिशन: जुलाई, 2018 को खारिज
क्यूरेटिव पिटिशन: अभी तक नहीं लगाई
दया याचिका: विकल्प अभी बचा है
विनय शर्मा
रिव्यू पिटिशन: जुलाई, 2018 में खारिज
क्यूरेटिव पिटिशन: 14 जनवरी, 2020 को खारिज
दया याचिका: 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास भेजी

क्या है क्यूरेटिव पिटिशन: 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में व्यवस्था दी। इसके अनुसार यदि शीर्ष की ओर से दिए किसी फैसले में ऐसा प्रतीत होता है कि न्याय के सिद्धांत की पालना नहीं हुई तो क्यूरेटिव पिटिशन लगाई जा सकती है।
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