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तीन साल से फरार चल रहा धोखाधड़ी गिरोह का आरोपी गिरफ्तार

locationजयपुरPublished: Sep 22, 2021 10:10:12 pm

Submitted by:

Lalit Tiwari

गिरोह के तीन बदमाश 3 राज्यों में वांछित

तीन साल से फरार चल रहा धोखाधड़ी गिरोह का आरोपी गिरफ्तार

तीन साल से फरार चल रहा धोखाधड़ी गिरोह का आरोपी गिरफ्तार

सांगानेर सदर थाना पुलिस ने तीन साल से फरार धोखाधड़ी गिरोह के एक बदमाश को पकड़ा हैं। गिरोह के सदस्यों के खिलाफ आधा दर्जन प्रकरण दर्ज हैं। गिरोह के तीन सदस्य 3 राज्यों में वांछित चल रहे हैं।
डीसीपी (दक्षिण) हरेन्द्र कुमार महावर ने बताया कि इस संबंध में 12 जुलाई 2018 को परिवादी प्रकाश रजवानी ने इस्तगासा न्यायालय से प्राप्त हुआ था। जिसमें बताया कि वह रनिंग सूती कपड़े, बैड शीट, लेडिज शूट का व्यापार करता हैं।
पुलिस ने बताया कि सुनील खत्री परिवादी का रिश्तेदार है, जो उसके पास आया और कहा कि वह कई फर्मो का एजेन्ट है जो मुंबई में कई फर्मों से उसका संबंध है। वह माल को बेचता हैं और अपना कमीशन लेकर बाजार में माल बिकवाता हैं। इस पर पीड़ित उसके झांसे में आ गया और 51 लाख रुपए का माल मुंबई की अन्य फर्मों को कमीशन पर दिलवाकर परिवादी को माल पेटे चैक दिलवा दिए जो बाद में अनादरित हो गए। पुलिस ने इस मामले में सुनील खत्री, भूमेश सत्यनारायण, अशोक बाफना उर्फ आलोक जैन, शिवनारायण पोदार, चन्दू भाई, विनोद पंडित के खिलाफ जांच की तो वह आरोपी पाए गए। इस पर पुलिस ने उनकी तलाश की तो वह फरार हो गए।
आरोपियों को पकड़ने के लिए मुंबई में दी दबिश
21 सितंबर को पुलिस टीम ने आरोपियों के मूल निवास स्थान मुंबई महाराष्ट्र में तलाश के लिए दबिश दी गई। लेकिन आरोपियों को सूचना मिलने पर आरोपी अपने यहां से फरार हो गए। पुलिस ने एक आरोपी उल्हास नगर ठाणे महाराष्ट्र निवासी सुनील कुमार खत्री (52) पुत्र नेनूमल को ठाणे महाराष्ट्र से दस्तयाब कर लिया। आरोपी के खिलाफ अन्य थानों और राज्यों में धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज हैं।
इस तरह करते थे धोखाधड़ी-
पुलिस ने बताया कि आरोपी का गिरोह है जो दूसरे राज्यो शहरों में पहले एक व्यक्ति कपड़े के माल का लेन-देन करता है। आरोपी मुंबई की बड़ी फर्मो का हवाला देकर संबंधित फर्म को मिलवाता था। पूरे लेन देन में खुद एजेन्ट बन जाता था। संबंधित फर्म से भी कमीशन की राशि प्राप्त कर लेता था। माल के बदले में संबंधित फर्म को चैक दिलवा देता जो बाद में खाते में रुपए नहीं होने के कारण बाउन्स हो जाते थे। संबंधित फर्म से प्राप्त माल को आरोपी मुंबई में ले जाकर खुर्दबुर्द कर देते थे।
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