जयपुर

कांग्रेस की अनुशासन समिति भंग, कैसे हो बागियों पर कार्रवाई

अनुशासन समिति के अभाव में नहीं हो रही कांग्रेस के बागियों पर कार्रवाई, पूर्व मंत्री हीरा लाल इंदौरा थे अनुशासन समिति के चेयरमैन

जयपुरDec 04, 2020 / 10:46 am

firoz shaifi

govind singh dotasara

जयपुर। निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में डटे बागियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं होने की चर्चाएं कांग्रेस गलियारों में खूब है। पार्टी के शीर्ष चाहकर भी बागियों और अनुशासनहीनता बरतने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।

बागियों पर कार्रवाई नहीं करने की एक प्रमुख वजह ये भी है कि कांग्रेस में अनुशासहीनता के मामलों को देखने के लिए बनी कांग्रेस की अनुशासन समिति लोकसभा चुनाव के बाद से ही सक्रिय नहीं रही है। सचिन पायलट को पीसीसी अध्यक्ष पद से हटाने के बाद प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था, इसी में अनुशासन समिति भी भंग हो गई, जिसके बाद अनुशासनहीनता मामलों को देखने और उन पर कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए कोई नहीं है।

यही वजह है कि 6 नगर निगमों, जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्यों के चुनावों में बागियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अब पार्टी का यही हाल 12 जिलों के 50 निकायों में भी देखने को मिल रहा है, जहां नाम वापसी की आखिरी तारीख के बाद भी अधिकांश जगह बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। कांग्रेस हलकों में भी इस बात की चर्चा है कि अनुशासन समिति के अभाव में प्रदेश नेतृत्व बागियों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

हैरत की बात तो ये है कि जैसलमेर में पंचायत और जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता और कैबिनेट मिनिस्टर सालेह मोहम्मद के परिवार के चार सदस्य भी पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।

स्थानीय नेता चाहते हैं बागियों पर कार्रवाई
वहीं निकाय और पंचायत चुनाव में स्थानीय नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के बागी प्रत्याशियों पर कड़ी कार्रवाई चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने बागियों का रिकॉर्ड भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को भिजवाया है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के नेता बागियों पर कार्रवाई से फिलहाल बचते नजर आ रहे हैं।

चंद्रभान के अध्यक्ष रहते बनी थी अनुशासन समिति
दरअसल कांग्रेस की अनुशासन समिति डॉ. चंद्रभान के पीसीसी अध्यक्ष रहते बनीं थी। पूर्व मंत्री हीरा लाल इंदौरा को अनुशासन समिति का चेयरमैन बनाया गया था। अनुशासन समिति में आधा दर्जन सदस्य थे। सचिन पायलट के कार्यकाल में भी इसी कमेटी को बरकरार रखा गया था।

अब नई अनुशासन समिति की चर्चाएं
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद प्रदेश कांग्रेस में नई अनुशासन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कई ,वरिष्ठ नेताओं को सदस्य बनाया जाएगा।

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