मिल चुका है राष्ट्रीय पुरस्कार मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना और अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने अपनी सफ लता की गाथा एक पैर से लिखी है। उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। सुधा के जीवन पर तेलगू और हिंदी में दो फिल्में बन चुकी हैं। वर्तमान में सुधा टेलीविजन पर कई सीरियल्स में नजर आ रही हैं। सुधा ने तीन वर्ष की उम्र से भारतीय शास्त्रीय नृत्य सीखना शुरू किया।
पैर गंवाने के बाद भी जारी रखा डांस सुधा जब 16 वर्ष की थीं तो अपने माता-पिता के साथ छुट्टिया मानाने गई थी, जहां यात्रा के समय उनकी बस एक ट्रक से टकरा गई। इस खतरनाक दुर्घटना में सुधा के पैर की हड्डी टूट गई। दुर्भाग्यवश, उनका चोटिल पैर संक्रमित हो गया और अंत में उसे काटना पड़ा। उनके कृत्रिम पैर लगाया गया। इस बारे में बताते हुए सुधा ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे फेसबुक पेज लिखती हैं कि वह अक्सर लोगों को यह कहते सुनती थी, ‘कितने दुख की बात है तुम्हारा सपना पूरा नहीं हो पाएगा या हमारी इच्छा थी कि तुम डांस कर सको।उन्होंने ने लिखा ‘पैर गंवाने के बाद मैंने ‘जयपुर फुट’ की मदद से दोबारा चलना और फिर उसके बाद डांस करना सीखा, जो कि मैं अपनी पूरी जिंदगी जानती थी। ‘