
जयपुर। जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार को हुई दुर्घटना जैसे हादसों पर लगाम लगाने एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राजस्थान के सभी संबंधित विभाग रोड सेफ्टी प्रोटोकॉल का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। इस पहल में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की तैयारी और सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान शामिल हैं।
1-दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान और सुधार
जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू जिलों के सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित कर सुधार कार्य शुरू किए जाएंगे, जैसे क्लोवर लीफ, अंडरपास और फ्लाईओवर का निर्माण।
2-रोड सेफ्टी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन
समस्त विभागों को रोड सेफ्टी प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख स्थानों पर स्पीड लिमिट, चेतावनी बोर्ड और रम्बल्ड स्ट्रिप्स लगाए जाएंगे, ताकि वाहन चालक सुरक्षित तरीके से यात्रा कर सकें।
3-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता:
जिले के सभी प्रमुख मार्गों पर पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इमरजेंसी मेडिकल प्लान तैयार किया जाएगा, जिससे किसी भी दुर्घटना के दौरान त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।
4-सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
सड़क सुरक्षा और रेस्क्यू प्रोटोकॉल के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।कॉलेजों, स्कूलों, बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी।
5-कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई
ओवरस्पीडिंग, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की जाएगी। स्पीड लिमिट कैमरे और अवैध वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
6-प्रभावी समन्वय और फॉलो-अप
प्रशासन और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि सड़क सुरक्षा योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। निर्माणाधीन फ्लाईओवर और अन्य सड़क परियोजनाओं की मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा।
Updated on:
24 Dec 2024 10:39 am
Published on:
24 Dec 2024 10:38 am
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