जयपुर

प्रदेश में जितनी दूध की आवक, उससे कहीं ज्यादा बनती हैं मिठाइयां

Rajasthan में Diwali Festival पर सबसे ज्यादा Sweets बनाई जाती हैं। खास बात यह है कि ये मिठाइयां तरह-तरह की Diseases का प्रमुख कारण बन जाती है। जितना Milk का उत्पादन नहीं होता उससे कहीं ज्यादा मावे की मिठाइयां Market में बिकती हैं। ऐसे में साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मिठाइयां Adulterated Mava से बनी हुई है।

जयपुरOct 15, 2019 / 07:59 pm

Anil Chauchan

fake sweets

दिवाली की मिठाइयां करती है सबसे ज्यादा बीमार
मिठाई खरीदते समय बरतें सावधानियां
मिलावट रोकने में स्वास्थ्य विभाग भी नाकाम
जयपुर . प्रदेश ( Rajasthan ) में दिवाली के त्योहार ( Diwali Festival ) पर सबसे ज्यादा मिठाइयां ( Sweets ) बनाई जाती हैं। खास बात यह है कि ये बीमारियां तरह-तरह की बीमारियों ( Diseases ) का प्रमुख कारण बन जाती है। जितना दूध ( Milk ) का उत्पादन नहीं होता उससे कहीं ज्यादा मावे की मिठाइयां बाजार में बिकती हैं। ऐसे में साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मिठाइयां मिलावटी मावे ( Adulterated Mava ) से बनी हुई है। खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं और स्वीकार करते हैं कि प्रदेशभर में नकली मावे से बनी मिठाइयां जमकर बिक रही है। लेकिन लचीले कानून और संसाधनों के अभाव के चलते इस गोरख धंधे में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
दिवाली पर पेट की बीमारियों का मुख्य कारण मिलावटी मावा
डॉक्टरों का सुझाव, घर की बनी मिठाइयों पर दें ज्यादा ध्यान
केवल त्योंहार के समय ही जागता है स्वास्थ्य विभाग
मिलावट खोरी रोकने को लेकर नहीं है सख्त कानून
हर वर्ष त्योंहार के समय स्वास्थ्य विभाग की ओर से नकली मावा व अन्य खाद्य सामग्री को पकडऩे के लिए कुछ दिनों का अभियान चलाया जाता है। अभियान के दौरान खाद्य विभाग की टीम अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर नकली खाद्य पदार्थों के सैंपल लेती है और बाद में उस सैंपल को जांच के लिए लैबोरेट्रीज में भिजवाया जाता है। लेबोरेट्री में 14 दिन में जांच का प्रावधान है पर इस समयावधि में जांच नहीं हो पाती है। स्वास्थ्य विभाग भी केवल सूचना मिलने पर ही कार्रवाई कर रहा है। उधर नकली मावा जांच के लिए बनी लेबोरेट्रीज का बुरा हाल होने के कारण जांच समय पर नहीं हो पाती और दोषियों को सजा भी नहीं मिल पाती। ऐसे में दोषी लोगों के होंसले बुलंद हो रहे हैं।
नकली मावे से बनने वाली मिठाइयों से कई गंभीर बीमारियां होती है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। डॉक्टरों ने भी इस बात को साफ तौर पर स्वीकारा है कि नकली मावे से बनी मिठाइयों से उल्टी, दस्त, यहां तक की आंतों का कैंसर भी हो जाता है। बच्चों के लिए यह काफी नुकसान दायक होती है। यही कारण है कि राखी, होली, दिवाली जैसे बड़े त्योंहार के बाद कई लोगों को अस्पताल जाकर उपचार कराना पड़ता है।

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