जिससे की किसी भी मरीज को बाहर से दवा व उपचार संबंधी कोई भी आवश्यक वस्तुओं को जेब से पैसा देकर नहीं खरीदना पड़े। वहीं सभी डिपार्टमेंट हैड,यूनिट हैड,रेजीडेन्ट्स डॉक्टर्स रोगी को उपचार के लिए आवश्यक कोई भी दवाई, सर्जिकल सूचर्स, कन्यूमेबल्स के अलावा उपचार से संबंधित किसी भी आवश्यक वस्तु की पर्ची रोगी या उसके परिजन को नहीं देगें।
रेसिडेंट्स ने जताया आदेशों का विरोध
जार्ड ने इन आदेशों का विरोध जताते हुए कहा है कि एसएमएस में मरीजों की संख्या बहुत अधिक होती है। अध्यक्ष डॉ.अमित यादव ने कहा है कि हजारों की संख्या में मरीज आते है जिनका रेसीडेंट डॉक्टर हर संभव इलाज करने का प्रयास करते हैं।
जार्ड ने इन आदेशों का विरोध जताते हुए कहा है कि एसएमएस में मरीजों की संख्या बहुत अधिक होती है। अध्यक्ष डॉ.अमित यादव ने कहा है कि हजारों की संख्या में मरीज आते है जिनका रेसीडेंट डॉक्टर हर संभव इलाज करने का प्रयास करते हैं।
मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण दवाइयां व अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते है। इसलिए जार्ड मांग करता है कि एसएमएस को सिर्फ रेफरल सेंटर बनाया जाए। इसके लिए सीएचसी,पीएचसी व जिला अस्पतालों में चिकित्सकों व संसाधन उपलब्ध करवा कर एसएमएस से भार कम किया जाए।
19 अप्रेल को व्यवस्था सुधार को लेकर फिर बैठक
एसएमएस अस्पताल की व्यवस्था सुधार को लेकर फिर एक बैठक 19 अप्रैल को रखी गई। सभी डॉक्टर्स,अस्पताल प्रशासकों,फैकल्टी मेंबर्स और रेसिडेंट्स के साथ होने वाली इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और प्रिंसिपल सेकेट्री वैभव गालरिया मौजूद रहेंगे। बैठक में एसएमएस अस्पताल की व्यवस्था,सीएम बजट घोषणा की पालना और फ्री ओपीडी,आइपीडी और मरीजों की परेशानियां दूर करने को लेकर चर्चा होगी।
एसएमएस अस्पताल की व्यवस्था सुधार को लेकर फिर एक बैठक 19 अप्रैल को रखी गई। सभी डॉक्टर्स,अस्पताल प्रशासकों,फैकल्टी मेंबर्स और रेसिडेंट्स के साथ होने वाली इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और प्रिंसिपल सेकेट्री वैभव गालरिया मौजूद रहेंगे। बैठक में एसएमएस अस्पताल की व्यवस्था,सीएम बजट घोषणा की पालना और फ्री ओपीडी,आइपीडी और मरीजों की परेशानियां दूर करने को लेकर चर्चा होगी।