scriptचांद पर कदम रखने के 50 वर्ष बाद कई देश अंतरिक्ष मिशन में कूदे | After 50 years of stepping on the moon, many countries jumped into the | Patrika News

चांद पर कदम रखने के 50 वर्ष बाद कई देश अंतरिक्ष मिशन में कूदे

locationजयपुरPublished: Jul 27, 2019 03:31:14 pm

Submitted by:

pushpesh

-लग्जमबर्ग में करीब 50 अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशालाएं और कंपनियां हैं। सिंगापुर का उपग्रह निर्माण उद्योग एक हजार कर्मचारियों के साथ अनुसंधान और आपूर्ति के लिए आगे बढ़ रहा है। न्यूजीलैंड भी अंतरिक्ष मिशन की तैयारी कर रहा है

न्यूजीलैंड, सिंगापुर, लग्जमबर्ग ने इस उभरती दौड़ में शामिल हैं।
अमरीका के अपोलो 11 मिशन ने चांद पर लैंडिंग के 50 वर्ष पूरे कर लिए। तब अंतरिक्ष का मिशन एक सपने जैसा था, लेकिन आज भारत सहित कई देश अंतरिक्ष में कामयाबी के झंडे गाड़ रहे हैं। भारत ने हाल ही अपना चंदयान-2 चांद पर भेजा है। तो अमरीका 2024 तक चंद्रमा पर मानव भेजने को तैयार है। कुछ और देशों ने भी अंतरिक्ष में खोज का अभियान शुरू किया है। न्यूजीलैंड, सिंगापुर, लग्जमबर्ग ने इस उभरती दौड़ में शामिल हैं।
प्रत्येक देश ने निजी क्षेत्र और सरकारी अनुबंधों को लुभाने, अनुसंधान या रॉकेट के उत्पादन और प्रक्षेपण पर ध्यान केंद्रित करने की नीति पर अमल करते हुए अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ाया है। उपग्रह उन रॉकेटों को अंतरिक्ष में पहुंचा देते हैं, जो खुफिया जानकारी जुटाने से लेकर निर्माण और कृषि परियोजनाओं की निगरानी तक सब कुछ कर रहे हैं। जबकि उनके दृष्टिकोण भिन्न होते हैं, इनमें सभी का छोटे होने के फायदे भी हैं। वाशिंगटन डीसी से भी छोटे लग्जम्बर्ग ने अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप को आकर्षित करने के लिए 110 मिलियन डॉलर का फंड बनाया है। हालांकि वह अपने उपग्रहों को लॉन्च नहीं करता है।
2017 में लग्जमबर्ग, अमरीका के बाद दूसरा ऐसा देश बन गया, जो निजी कंपनियों को अंतरिक्ष में मिलने वाले संसाधनों को निकालने की गारंटी देता है। यह कदम क्षुद्रग्रह की खोज करने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए था। अब लग्जमबर्ग में करीब 50 अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशालाएं और कंपनियां हैं। सिंगापुर का उपग्रह निर्माण उद्योग भी एक हजार कर्मचारियों के साथ अनुसंधान और आपूर्ति के लिए आगे बढ़ रहा है। पिछले दिनों अमरीकी कंपनी न्यूजीलैंड में स्थापित की गई थी, जिसने बड़े रॉकेट कारखाने का विस्तार किया है।
72 देशों का दावा, जुड़े हैं अंतरिक्ष मिशन से
-72 देशों का दावा है कि वे अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े हैं। हालांकि भारत, अमरीका व रूस सहित 13 देश उपग्रह तकनीक में सक्रिय हैं।
-1957 में सोवियत रूस ने पहला मानव निर्मित उपग्रह स्पूतनिक-1 अंतरिक्ष में भेजा था। यह तीन माह बाद जलकर नष्ट हो गया था।
-4987 मानव निर्मित ऑब्जेक्ट अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे हैं। इसरो ने अब तक 105 सैटेलाइट छोड़े हैं। पहला उपग्रह आर्यभट्ट 1957 में छोड़ा।
* (स्रोत -युनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर आउटर स्पेस अफेयर्स)
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