जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2018 में प्रदेश में सत्ता बदलते ही पुरानी विधानसभा (एसएमएस टाउनहॉल) में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय का काम रूकने और आगे की योजना को लेकर कवायद शुरू हो गई थी। इसी कड़ी में 26 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और पर्यटन, पुरातत्व एवं कला संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने पुरानी विधानसभा का दौरा कर यहां के हालात का जायजा लिया। इसके अगले दिन 27 अगस्त को डालमिया भारत ग्रुप की हेरिटेज एंड इवेंट्स एडवाइजर अनिता थापर कठपालिया की अगुवाई में डालमिया ग्रुप की टीम आई। डालमिया ग्रुप की टीम ने सवाई मानसिंह टाउनहॉल भवन को देखा। साथ ही 2011—12 में 45 करोड़ रूपए की लागत से प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी जुटाई। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि गहलोत सरकार अब मोदी सरकार की तर्ज पर पुरानी विधानसभा भवन डालमिया भारत ग्रुप को सौंपने जा रही है। राज्य सरकार और डालमिया भारत ग्रुप के बीच इस योजना को अमलीजामा पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अब तक 9.62 करोड़ हो चुके बर्बाद
सवाई मानसिंह टाउनहॉल (पुरानी विधानसभा) में 45 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने के लिए जर्मनी की कंसल्टेंट फर्म मैसर्स लॉर्ड कल्चरल रिसॉर्सेज को काम सौंपा गया। यहां 2011—12 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय का काम शुरू भी करवा दिया गया। लेकिन प्रदेश में दिसम्बर 2013 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद जनवरी 2014 में राज्य सरकार ने मौखिक आदेश से काम बंद करवा दिया था। तब से अब तक यहां काम ठप पड़ा है। जनवरी 2014 में जब काम रोका गया था, तब तक 17 करोड़ 54 लाख रूपए के कार्यादेश जारी किए जा चुके थे, इसमें से 9 करोड़ 62 लाख रूपए खर्च किए जा चुके थे। महालेखा एवं स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग ने यहां खर्च हुए 9 करोड़ 62 लाख रूपए के खर्च को निष्फल व्यय माना है।
श्रेया गुहा, प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन, पुरातत्व एवं कला संस्कृति विभाग