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नेपाल के बाद ईरान में चीन की घुसपैठ, टिड्डी मारने के लिए पेस्टीसाइड का दिया ऑफर

locationजयपुरPublished: May 30, 2020 05:17:49 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

खुफिया एजेंसियों की इनपुट के बाद २ दिन पहले स्काइप पर हुई बैठक में ईरान ने स्वीकारा

After Nepal, Chinese incursion into Iran, offers pesticide to kill locust

Iran accepted the meeting on Skype 2 days after input from intelligence agencies

ईरान के पास नहीं है यूएलवी पेस्टीसाइड, भारत भी कर चुका है ऑफर
जोधपुर. चीन लगातार भारत के पड़ौसी देशों में अपनी घुसपैठ करता जा रहा है। नेपाल को पेट्रोलियम सहित अन्य पदार्थों की आपूर्ति करने के बाद अब चीन की निगाह भारत के मजबूत इस्लामिक दोस्त ईरान पर है। चीन ने चोरी-छिपे ईरान को अल्ट्रा लॉ वोल्यूम (यूएलवी) पेस्टीसाइड का ऑफर दिया है। ईरान में यूएलवी पेस्टीसाइड नहीं है और इस साल ईरान में भयंकर टिड्डी प्रजनन होने के कारण वहां अकाल की आशंका है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक लगने के बाद उन्होंने भारत के टिड्डी नियंत्रण अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी। दो दिन पहले बुधवार को स्काइप एप पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि कीथ क्रिसमैन की अध्यक्षता में भारत, पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के टिड्डी नियंत्रण अधिकारियों की हुई बैठक में भारत ने ईरान के सामने जब यह सवाल दागा तो ईरान ने हां भरी। ईरान की हामी भरते ही भारतीय अधिकारियों के पैरों तले जमीन सरक गई।
पाक, श्रीलंका व नेपाल पर जमा चुका है प्रभुत्व
लम्बे अरसे से चीन अपने साम्राज्यवादी मंसूबों के कारण भारत को उसके पड़ोसी देशों से अलग-थलग कर रहा है। पाक में सिल्क रोड का निर्माण व ग्वादर बंदरगाह बनाकर पहले ही वहां घुसपैठ कर चुका है। श्रीलंका में हम्बनटोटा बंदरगाह को ९९ साल के लीज पर ले लिया। नेपाल को पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति कर वहां भारतीय तेल कम्पनियों के एकाधिकार को छीन लिया। हाल ही में नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली ने बॉर्डर विवाद पर चीन का पक्ष लिया था।
ईरान क्यों है महत्वपूर्ण
चीन के पाक में ग्वादर बंदरगाह की काट के लिए भारत ने ईरान में चाहबहार बंदरगाह बनाया है जो अफ्रीका तक पहुंच सुनिश्चित करता है। सऊदी अरब के बाद भारत का सर्वाधिक तेल आयात ईरान से होता है। ईरान भारतीय मुद्रा में भी भुगतान स्वीकार कर लेता है। ईरान भारत का रणनीतिक साझीदार भी है।
भारत का ऑफर स्वीकार नहीं कर रहे पड़ोसी
भारत ने भी ईरान को यूएलवी पेस्टीसाइड का ऑफर दिया है लेकिन उसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। पाक के पास पेस्टीसाइड नहीं है लेकिन उसने चीन से ३ लाख लीटर पेस्टीसाइड का ऑर्डर दिया है। चीनी पेस्टीसाइड की गुणवत्ता को लेकर भारत को संदेह है।
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