लेटलतीफी: अब फिर से ली जाएगी राय
पूर्व में वरिष्ठ आईएएस सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने औद्योगिक संगठनों से बातचीत के बाद ही रिपोर्ट दी थी, जिस पर तत्कालीन मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता वाली एम्पॉवर्ड कमेटी ने विचार किया था। अंतिम फैसला तो कुछ हुआ नहीं, बल्कि फिर से संगठनों की राय और एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठकें शुरु हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार अगली बैठक अगस्त के दूसरे—तीसरे सप्ताह तक टाल दी गई है।
पूर्व में वरिष्ठ आईएएस सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने औद्योगिक संगठनों से बातचीत के बाद ही रिपोर्ट दी थी, जिस पर तत्कालीन मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता वाली एम्पॉवर्ड कमेटी ने विचार किया था। अंतिम फैसला तो कुछ हुआ नहीं, बल्कि फिर से संगठनों की राय और एम्पॉवर्ड कमेटी की बैठकें शुरु हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार अगली बैठक अगस्त के दूसरे—तीसरे सप्ताह तक टाल दी गई है।
इन बड़ी सिफारिशों पर निर्णय का इंतजार कस्टमाइज पैकेज: 100 करोड़ रुपए से अधिक निवेश वाले उद्योगों को कस्टमाइज पैकेज मिलता है। इसे 50 करोड़ पर सीमित करने की सिफारिश। बिजली के स्थायी शुल्क: उद्योगों के लिए तीन माह के बिजली बिलों पर स्थायी शुल्क माफ किए जाएं।
ब्याज अनुदान बढ़ोतरी: मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में उद्यमियों की ओर से लिए गए लोन पर देय ब्याज अनुदान में 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी। एमएसएमई एक्ट का दायरा बढ़ाना: पिछले वर्ष पारित एमएसएमई एक्ट के दायरे में सूक्ष्म, लधु और मंझोले उद्योगों के अलावा 10 करोड़ से अधिक निवेश वाले वृहद उद्योगों को लाना।
रिप्स की लाभ अवधि बढ़ाना: वर्ष 2003 से 2020 तक तक आई चार निवेश प्रोत्साहन योजनाओं के तहत अब तक लाभ ले रहे सभी उद्यमों के लिए इसकी अवधि एक वर्ष तक और बढाना।
रीको ने दिए कुछ लाभ बड़ी सिफारिशों पर अब तक कुछ नहीं हुआ, हालांकि 21 जुलाई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में रीको के 220 करोड़ के पैकेज को मंजूरी दी गई है। इनमें प्रमुखत: पर्यटन को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल करने, बकाया सेवा शुल्क और किराया एकमुश्त देने पर ब्याज माफी, रीको भूखंड पर गतिविधि शुरु करने में हुई देरी पर लगने वाले शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट के अलावा सरकार ने पयर्टन , होटल, मल्टीप्लेक्स के लिए रिप्स के लाभ एक साल और बढ़ाने को मंजूरी दी है।
इनका कहना है
इनका कहना है
राजस्थान में लग रहा है जैसे सरकार है ही नहीं। यदि कमेटी ने सिफारिश कर दी तो उस पर निर्णय लेने में ही इतना समय क्यों लग रहा है। यह कोरोना काल में तात्कालिक राहत है, यदि समय बीत गया तो इसका उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा। रीको ने कुछ राहत दी है, लेकिन केन्द्र की तर्ज पर हर श्रेणी के उद्योग को सीधे ब्याज सब्सिडी जैसे कदम जल्द उठाने होंगे।
— राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व उद्योग मंत्री
— राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व उद्योग मंत्री