scriptस्वाइन फ्लू के बाद रिकवरी में भी मददगार आयुर्वेद और होम्योपैथी | After Swine Flu Recovery Ayurveda and Homeopathy is helpful | Patrika News

स्वाइन फ्लू के बाद रिकवरी में भी मददगार आयुर्वेद और होम्योपैथी

locationजयपुरPublished: Feb 08, 2019 08:49:29 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

जब स्वाइन फ्लू हो जाए तो घबराएं नहीं, समय पर लें इलाज
दुनियाभर में स्वाइन फ्लू से पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है। इसका इलाज एलोपैथिक पद्धति से ही किया जाता है। वायरस का रूप बार-बार बदल जाने से हर साल वैक्सीन बनाई जा रही है। ऐसे में वैक्सीन हमेशा के लिए कारगर नहीं रह पाती है। जब फ्लू से पीडि़त मरीज ठीक हो जाता है तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसके शरीर में कमजोरी, आलस्य, भूख कम लगना और जकडऩ रहती हैं। ऐसे में यदि आयुर्वेद व होम्योपैथी दवाओं को लिया जाए तो आराम मिलता है।क्या है लक्षणनाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक जाम होना, मांसपेशियां में दर्द या जकडऩ महसूस करना। सिर में तेज दर्द, कफ और कोल्ड, लगातार खांसी आना, बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढऩा, गले में खराश होना और इसका लगातार बढ़ते जाना स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण है।

Swine Flu

Swine Flu

काढ़े से मिलेगा लाभ
स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर गिलोय, तुलसी, लहसुन, हल्दी, सौंठ, लोंग, काली मिर्च, पिप्पली को बराबर मात्रा में दो कप पानी में उबाले। जब पानी आधा कप रह जाए तो काढ़ा पी लें। स्वाइन फ्लू है तो वासा, कंटकारी, पुष्करमूल,गाजवा,गिलोय, तुलसी, हल्दी, लोंग, सोठ, काली मिर्च, पिप्पली को बराबर मात्रा में मिलाकर दो कप पानी मेंं डालकर उबाले। जब पानी आधा कप रह जाए तो काढ़ा पीएं।
होम्योपैथी कारगर
ज्यादातर रोगियों में जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। उसी को ध्यान में रखकर होम्योपैथिक औषधि का चयन किया जाता है।। इसके बचाव में आर्सेनिक एल्बम 30 औषधि कारगर हैं। स्वाइन फ्लू ठीक होने के बाद शरीर में जकडन व अन्य परेशानियां है तो होम्योपैथिक में कई दवाएं हैं जो इस समस्या को ठीक कर सकती है। होम्योपैथी में रोगी के लक्षणों के आधार पर औषधि का चयन किया जाता है। बेलेडौना 30 भी कारगर दवा है।
ये रखें सावधानी
पांच साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं जिन्हें फेफड़ों, किडनी या दिल की बीमारी है। मस्तिष्क संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) मसलन, पर्किंसन, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग, डायबिटीज, अस्थमा के मरीजों को स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ये भी लाभदायक
पांच तुलसी के पत्ते, 5 ग्राम अदरक, चुटकी भर काली मिर्च पाउडर और इतनी ही हल्दी को एक कप पानी या चाय में उबालकर दिन में दो-तीन बार पिएं। गिलोय (अमृता) बेल के तने को पानी में उबालकर एवं छानकर पिएं। आधा चम्मच हल्दी दूध में डालकर पिएं। आधा चम्मच हल्दी गरम पानी या शहद में मिलाकर भी ली जा सकती है।
डॉ. सर्वेश अग्रवाल असिस्टेंट प्रोफेसर, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर
डॉ. कमलेंद्र त्यागी, होम्योपैथी विशेषज्ञ, जयपुर

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