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पति की शहादत के बाद अब देश की रक्षा करेगी वीरांगना

locationजयपुरPublished: Feb 23, 2020 06:29:51 pm

Submitted by:

Rajkumar Sharma

देश की रक्षा में प्राणों का सर्वोच्च बलिदान करने वाले शहीदों की वीरागंगनाएं भी देश सेवा के लिए आगे आ रही हैं। पिछले वर्ष शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी भी बतौर सैन्य अफसर जल्द ही सेना को ज्वाइन करेंगी।

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देहरादून. देश की रक्षा में शहीद होने वाले वीरों की पत्नी न केवल परिवार का सहारा बन रही हैं, बल्कि खुद इस धरती की रक्षा के लिए आगे आ रही हैं। ये वीरांगनाएं अपने जांबाज शहीद पति की तरह ही देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहती हैं।
यह साबित कर दिखाया है शहीद विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नितिका ढौंडियाल ने। वह सैन्य अफसर बनने की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। उन्होंने सेना में भर्ती की सभी औपचारिक परीक्षा और साक्षात्कार पास कर लिया है। देहरादून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल ने पिछले साल 18 फरवरी को देश के लिए शहादत दी थी।
ठान लिया पति का सपना करना है पूरा
पति की शहादत के बाद नितिका परिवार की हिम्मत बनी। उन्होंने ठान लिया था कि सेना में कार्य कर देश सेवा करने का पति का सपना पूरा करना है। निकिता ने दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हुए सेना में जाने की तैयारी शुरू की। सेना में भर्ती होने की इच्छुक महिलाओं के लिए वुमेन एंट्री स्कीम (डब्ल्यूईएस) की परीक्षा होती है। नितिका कौल ढौंडियाल ने दिसंबर माह में यह परीक्षा दी थी। उन्होंने सभी परीक्षा पास कर ली हैं। मार्च में मेरिट लिस्ट जारी होनी है, जिसका उन्हें इंतजार है। नितिका मेरिट में इसमें स्थान बनाने में सफल रहती हैं तो लेफ्टिनेंट बनकर सेना की वर्दी पहनेंगी।

शहीद कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति भी कर रहीं देश की सेवा

शहीद कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक भी सेना में कार्य कर देश की सेवा कर रही हैं। सतारा के कर्नल संतोष महादिक नवंबर 2015 में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। तभी पत्नी स्वाति महादिक ने सेना में शामिल होने का फैसला कर लिया था।
उन्होंने 30 साल की उम्र में सेना में भर्ती के लिए एसएसबी परीक्षा में बैठने के लिए छूट देने की मांग की, जिस पर तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने मुहर लगा दी थी। 2017 में स्वाति ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए पांच चरणों में होने वाली कड़ी परीक्षा पास की। इसके बाद अपने दो बच्चों को बोर्डिंग स्कूल भेजा और स्वयं सैन्य प्रशिक्षण के लिए चेन्नई स्थित सेना के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चली आईं थी। वो लेफ्टिनेंट सेना में शामिल हुईं थी।
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