ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु की पूजा विशेषतौर पर करनी चाहिए। पूर्णिमा का दिन सर्व सिद्धिदायक है। इस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा करने से हर तरह के दुख दूर होते हैं। अगहन माह की पूर्णिमा होने से इसका महत्व और बढ़ गया है।
30 दिसंबर के दिन बुधवार होने से विशेष योग बन रहा है। बुधदेव चंद्रमा के पुत्र माने जाते हैं। ऐसे में आज रात भी चंद्र पूजा का महत्व रहेगा। बुधवार और पूर्णिमा के संयोग में शिव पूजा जरूर करें। आज पितरों की याद में पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा। सुबह शिवाभिषेक करें और पितरों के निमित्त तर्पण व दान करें।
इस पूर्णिमा पर पूजा या दान का कई गुना फल मिलता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार पूर्णिमा को दैवीय अनुकंपा का दिन माना जाता है। इस तिथि पर चन्द्रमा पृथ्वी और जल तत्व को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। इसलिए पूर्णिमा पर पूजा—दान आदि से सुख मिलते हैं, शांति प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नानादि के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें. इसके बाद शिवजी का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लेें. शिवजी, श्रीकृष्ण, विष्णुजी के साथ सत्यनारायण भगवान की विधिवत पूजा करें। शाम को लक्ष्मीजी की पूजा करें, पूजा में 16 कमलगटटा अर्पित करें और श्रीसूक्त की 16 ऋचाओं का पाठ करें। रात में चंद्र देव को जल अर्पित करें।