प्रदेशभर में चल रहे न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक कार्य बहिष्कार पर शुक्रवार दोपहर तक फैसला हो सकता है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल के साथ हुई कई दौर की वार्ताओं के बाद कर्मचारियों की मांगों पर देर रात सहमति बन गई है। प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर तक जोधपुर से जयपुर पहुंचेगा।
एफआईआर दर्ज होने के बाद खत्म होगा न्यायिक कर्मचारियों का आंदोलन
जयपुर। प्रदेशभर में चल रहे न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक कार्य बहिष्कार पर शुक्रवार दोपहर तक फैसला हो सकता है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल के साथ हुई कई दौर की वार्ताओं के बाद कर्मचारियों की मांगों पर देर रात सहमति बन गई है। प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर तक जोधपुर से जयपुर पहुंचेगा। उसके बाद वे भांकरोटा थाने में जाकर मृत कर्मचारी सुभाष मेहरा की मौत के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाएंगे। यदि एफआईआर की कॉपी मिल जाती है तो वे सेशन कोर्ट पहुंचकर सभा करेंगे और उसके बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर देंगे।
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र नारायण जोशी ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर में गुरूवार को तीन दौर की वार्ताओं के बाद कर्मचारियों की मांगों पर सहमति बनी थी। इसमें पहला मुद्दा एफआईआर दर्ज करवाने का था। जिस पर हाईकोर्ट प्रशासन ने सहमति दे दी। वहीं, मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने पर भी सहमति बन गई है। साथ ही 50 लाख रूपए का मुआवजा सरकार से दिलवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश को लेकर भी प्रशासन सख्त रवैया नहीं अपनाएगा।
लाखों मुकदमें हुए प्रभावित बता दें कि जयपुर की अधीनस्थ अदालतों में 18 नवंबर से सामूहिक कार्य बहिष्कार चल रहा है। यहां पर रोजाना करीब 15 से 18 हजार केस की सुनवाई प्रभावित हो रही थी। जबकि दो दिन से प्रदेशव्यापी हड़ताल के कारण करीब डेढ़ लाख मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में कोर्ट में पेंडेंसी भी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में यदि आज दोपहर तक यह गतिरोध खत्म होता है तो उसके बाद न्यायिक कामकाज सुचारू होगा।