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किसान लाचार, उतरना पड़ रहा है सड़कों पर, बेपरवाह सरकार फिर भी गिना रही उपलब्धियां

locationजयपुरPublished: Dec 11, 2017 06:01:06 pm

Submitted by:

rajesh walia

अपने कार्यकाल के चार साल में किए गए कामकाजों के आधार पर भाजपा सरकार अपने आप को किसान हितैषी बता रही है।

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जयपुर।

अपने कार्यकाल के चार साल में किए गए कामकाजों के आधार पर भाजपा सरकार अपने आप को किसान हितैषी बता रही है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रभुलाल सैनी ने राज्य में कृषि में नवाचार बढने, कृषि क्षेत्र में राज्य का नाम देश दुनिया में होने, किसानों के लिए कई नई योजनाएं शुरू करने के दावे करते हुए किसानों को खेती और आपदा के दौरान आर्थिक संबंल देने के साथ तमाम उपलब्धियां गिनाईं हैं।
राज्य में किसानों को आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा…
चार साल में किसानों के लिए किए गए 9 हजार 551 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के आधार पर भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों भी लिया है। वहीं, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक अब तक किसानों को 57 हजार रुपए से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण मुहैया करवाकर राजस्थान को देशभर में अग्रणी राज्य बता रहे हैं। लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद राज्य में किसानों को आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है।
किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार ने बनाई हाईपावर कमेटी…
भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में किसानों के हित में कई काम किए। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की हितेषी है। आजादी के बाद 70 साल में पहली बार किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार ने हाईपावर कमेटी बनाई है। कृषि मंत्री ने दावा किया कि कृषि में नवाचार भी बढे हैं।
देश और दुनिया में एग्रीकल्चर के मामले में राजस्थान का नाम…
एग्रीकल्चर के मामले में राजस्थान का नाम अब देश और दुनिया में होने लगा है। राजस्थान जैतून के पौधों का निर्यातक देश भी बन चुका है। देश के 13 राज्यों के साथ ही नेपाल को जैतून के पौधे राजस्थान से उपलब्ध करवाए गए हैं। राजस्थान के जैतून आॅयल को गुणवत्ता के मामले में विश्व में पहला स्थान मिला है। जैतून के जेल की हुई जांच में इसमें कैंसररोधी तत्व मिले हैं। जल्द ही जैतून रामबाण औषधि साबित हो सकेगा। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में उपजी ड्रमस्टिक की खाडी देशों में मांग होने लगी है।
कांग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा सरकार ने कृषि बजट में…
इतना ही नहीं भाजपा सरकार ने कांग्रेस को यह कहते हुए आड़े हाथों भी लिया है कि कांग्रेस सरकार की तुलना में भाजपा सरकार ने कृषि बजट में 62 फीसदी की बढोतरी की है। उन्होंने तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में कृषि के लिए कुल करीब 5893 करोड रुपए के बजट प्रावधान किए गए जबकि भाजपा सरकार अब तक 9 हजार 551 करोड रुपए के बजट प्रावधान चार सालों में कर चुकी है।
गेंहू उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में राजस्थान को देशभर में मिला पहला पुरस्कार…
कृषि मंत्री डॉ प्रभुलाल सैनी का यह भी कहना है कि चार सालों में राज्य में कही वर्षा की कमी तो कहीं अतिवृष्टि से खेती प्रभावित हुई है। किसानों को नुकसान भी हुआ है। लेकिन इसके बावजूद गेंहू उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में राजस्थान को देशभर में पहला पुरस्कार मिला है। सौलर पंप लगाने में भी राजस्थान पहले नंबर पर रहा है। 25000 से अधिक सौलर पंप लगाकर 100 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादित की गर्इ् है। नीति आयोग ने भी राजस्थान को फॉर्मर फ्रेंडली मामले में तीसरा स्थान दिया है।
सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा…
अगर बात सहकारिता की करें तो सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले चार सालों में किसानों के हित मे कई प्रगतिशील कदम उठाए हैं। राजस्थान ने देशभर में अग्रणी प्रदेश होने का गौरव हासिल किया है। सहकारिता से जुड़े किसानों को 57 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त फसली ऋण उपलब्ध करवाया गया है। जबकि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में महज 25 हजार करोड़ रुपए के ऋण ही किसानों को दिए थे। सहकारिता मंत्री का कहना है कि भाजपा अपने पूरे कार्यकाल में किसानों को 80 हजार करोड़ रुपए का तक ऋण उपलब्ध करवाएगी।
राज्य में करीब 68 लाख खातेदार किसान हैं…
सरकार की इन उपलब्धियों के बावजूद राज्य में कृषि का दूसरा पहलु यह है कि किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है। राज्य में करीब 68 लाख खातेदार किसान हैं। राज्य में किसानों के संगठन किसान महापंचायत की बात हो या फिर अखिल भारतीय किसान महासभा। आरएसएस समर्थित संगठन भारतीय किसान संघ ने किसानों की मांगों को लेकर समय समय पर आंदोलन किया है।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कई दिनों तक पड़ाव डाला…
जयपुर और सीकर में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कई दिनों तक पड़ाव डाला। किसान सरकार से यूपी, केरल समेत अन्य कई राज्यों की तरह कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें उपज का पूरा दाम नहीं मिलता है। इसलिए किसान घाटा सहते सहते कर्ज में डूब गए हैं। इसलिए किसानों की सबसे बड़ी कर्जमाफी की मांग अभी तक सरकार पूरी नहीं कर पाई है। इस मांग पर किसानों से हुए समझौते के आधार पर एक हाईपावर कमेटी बना दी गई है।
चार साल में गिनाईं ये उपलब्धियां…
– कांग्रेस के मुकाबले कृषि के लिए 62 फीसदी अधिक बजट प्रावधान किया गया
– 2235 कृषि पर्यवेक्षक और 1782 पशुधन सहायकों की भर्ती की गई
– 4136 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है
– 11 जिलों में मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना शुरु की गई
– जयपुर, कोटा और उदयपुर में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन किया गया
– प्रदेश में ढाई हजार नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोले जा चुके
– ऊंट को राज्य पशु का दर्जा दिया गया है
– ऑर्नामेंटल फिश का सेंटर बनकर तैयार हो चुका है
– प्रदेश में 25 हजार से ज्यादा सौलर पम्प लगाए गये हैं
– प्रदेश के 1 करोड़ 31 लाख किसानों को 4994 करोड़ का बीमा क्लेम दिया गया है
– पिछली सरकार के मुकाबले किसानों को 536 करोड़ का ज्यादा बीमा क्लेम दिया गया है
– प्रदेश में पहली बार किसानों को मिड टर्म बीमा का लाभ दिया गया
– किसानों को 75 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं
– जमीन में आवश्यक तत्वों की पू्र्ति के लिये एक लाख माइक्रो न्यूट्रिशंस किट वितरित किए गए
– सहकारिता से जुड़े किसानों को अब तक 57 हजार 110 करोड़ से अधिक का ब्याज मुक्त फसली ऋण – न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीद के लिए पहली बार आॅनलाइन व्यवस्था
– ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कम्प्यूटराइजेशन किया जा रहा है
– किसानों को रुपे कार्ड के वितरण के साथ, बीमा योजना का लाभ दिया गया है
– 27.50 रुपए में किसान का 6 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा किया जा रहा है
– लाइफ इंश्यारेंस योजना के तहत ऐज लिमिट 69 से बढाकर 79 की गई
– सहकारी बैंकों में आॅनलाइन बैंकिंग शुरू हुई, किसानों को उपज का आॅनलाइन भुगतान हुआ
– पारदर्शिता के लिए सहकारी भर्ती बोर्ड का गठन किया गया है
– सहकारी समितियों में नए सदस्य जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है
– सहकारी संस्थाओं में व्यवस्थापकों के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य की गई है
– सहकारी समितियों में नए सदस्य जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है
– 800 नए गोदामों के जरिए 1 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता बढाई गई है
– कृषि उपज के बदले किसानों के लिए लोन की नई योजना शुरू की गई
किसानों को सरकार से यह उम्मीद…
– लाखों किसानों की मांग जल्द सरकार करे कर्जमाफी
– उपज की लागत का डेढ गुणा मूल्य किसान को दिया जाए
– स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश वर्ष 2007 से लागू की जाएं
– उपज खरीद के लिए स्थायी खरीद तंत्र बनाया जाए
– पूरे साल किसानों से ग्राम स्तर पर उपज की खरीद हो
– फसल बीमा राशि के प्रीमियम को कम किया जाए
– किसानों को हुए घाटे की भरपाई सरकार करे
– सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाए
– किसानों की सुरक्षा के लिए एक्ट बनाया जाए
– किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए विधेयक लाया जाए
– किसानों को खेती के लिए मुफ्त में बिजली दी जाए
– विभिन्न फसलों पर दिया जा रहा अनुदान बढाया जाए
– हर ग्राम पंचायत में पशु चिकित्सा इकाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो
– मंडियों में उपज की नीलामी न्यूनतम समर्थन मूल्य से शुरू हो
– दूध का समर्थन मूल्य घोषित कर बोनस दिया जाए
– सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए नदी से नदी जोड़ने के लिए काम शुरू हो
– कर्नाटका की तरह कृषि लागत एवं मूल्य आयोग गठित किया जाए
– मंडियों में उपज की नीलामी न्यूनतम समर्थन मूल्य से शुरू हो
– दूध का समर्थन मूल्य घोषित कर बोनस दिया जाए
– सिंचाई जल उपलब्ध करवाने के लिए नदी से नदी जोड़ने के लिए काम शुरू हो
– न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को 100 फीसदी उपज खरीद की गारंटी दी जाए
– न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में सभी उपजों को शामिल किया जाए
– ग्राम सेवा सहकारी समितियों को आधुनिक सुविधाओं से सुसिज्जत किया
– किसानों को उपज की पूरी कीमत दी जाए – ऋण की ब्याज दर में और कमी की जाए
– एमएसपी पर उपज खरीद की 90 दिन की सीमित अवधि को खत्म किया जाए
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