धरने का सम्बोधित करते हुए पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार किसान विरोधी है और इसने देश के करोड़ों किसानों को छलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाकर किसानों की जमीन छीननी चाही जिसका कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया, जिसके चलते मोदी सरकार को उस कानून को रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब किसान को खेती से बेदखल कर पूंजीपतियों के हाथों में खेत सौंपने और किसानों को गुलाम बनाने के जो नापाक इरादे को लेकर ये कानून लेकर आई है। डोटासरा ने कहा कि खुले बाजार और अनुबंध खेती का मोदी सरकार का विचार, आजादी के बाद देश के किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा है। उन्होंने पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी को देश की जनता के साथ ठगी बताया। इस बढ़ोत्तरी से किसानों एवं आम लोगों पर भारी बोझ पड़ रहा है।
कॉरपोरेट घरानों के फायदे के लिए कानून
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ये तीनों बिल लाए गये हैं। बिल में भंडारण की सीमा समाप्त कर दी गई है और आवश्यक वस्तुओं को सूची से हटा दिया गया है। इसका दुष्प्रभाव सिर्फ किसानों पर नहीं बल्कि पूरे देश की जनता पर पड़ेगा। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने कहा कि आनन-फानन में बिल पारित करवाए गए, जिससे साफ है कि कहीं न कहीं यह बिल केवल कॉर्पोरेट को ध्यान में रखकर बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में पुरजोर तरीके से किसानों की आवाज उठाएंगे।
पायलट, खाचरियावास ने केन्द्र को घेरा
धरने में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा की जिन कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान कड़ाके की सर्दी में सड़क पर बैठे हैं, लेकिन मोदी सरकार और भाजपा के नेता नक्सली और अलगाववादी बता रहे हैं जबकि किसान उग्रवादी नहीं बल्कि भगत सिंह के मानने वाले हैं। वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि धरने पर बैठे किसानों को अलगाववादी कहा जा रहा है, उनका मजाक बनाया जा रहा है। पायलट ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जिद्द पर है तो हमें भी आंदोलन तेज करना पड़ेगा क्योंकि सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन अगर हम यह कानून वापस नहीं करा पाए तो आने वाला वक्त हमें माफ नहीं करेगा।
धरने में शामिल हुए मंत्री, विधायक, नेता
धरने को एआईसीसी सचिव कुलदीप इन्दौरा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास, डॉ. बीडी कल्ला और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविन्द राम मेघवाल, नसीम अख्तर इंसाफ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री नमोनारायण मीणा, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, विधायक संयम लोढ़ा ने संबोधित किया। धरने में मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शांति धारीवाल, भंवर सिंह भाटी, ममता भूपेश, टीकाराम जूली, अशोक चांदना, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष रामलाल जाट, प्रदेश कांग्रेस सचिव ललित तूनवाल राजेंद्र चौधरी, प्रदेश कांग्रेस सचिव ललित तूनवाल, पीसीसी सचिव जसवंत गुर्जर, कांग्रेस नेता आर. आर. तिवारी जयपुर हैरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर, पूर्व सांसद अश्क अली टाक, बद्रीराम जाखड़, डॉ. करण सिंह यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष हेमाराम चौधरी, विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा, अमीन कागजी, गंगा देवी वर्मा, रफीक खान, शंकुतला रावत, मुरारीलाल मीणा, जी.आर. खटाना, इन्द्राज गुर्जर, गोपाल मीणा, चेतन डूडी, रोहित बोहरा, साफिया जुबेर खान, मनीषा पंवार, आलोक बेनीवाल, बाबूलाल नागर, वेदप्रकाश सोलंकी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज, एनएसयूआई अध्यक्ष अभिषेक चौधरी सहित प्रदेश के अन्य विधायक एवं पार्टी नेता, कार्यकर्ता मौजूद रहे।