एसीएस ने शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री की उर्वरकों संबंधी बजट घोषणा की क्रियान्विति सुनिश्चित करने और आगामी रबी सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा की। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में इस साल अच्छी बारिश हुई है। अभी भी कई स्थानों पर बारिश हो रही है। इससे छोटे-बड़े बांध भर गए हैं, जल स्रोत रिचार्ज हुए हैं और भूमि में नमी बढ़ी है। ऐसे में राज्य में रबी फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ना तय है। आपको बता दें कि राजस्थान में पिछली सरकार के समय किसानों को यूरिया की कमी के चलते परेशान होना पड़ा था। पुलिस की निगरानी में यूरिया बांटा गया था। ऐसे में पूर्व के हालातों से सबक लेते हुए यह तैयारियां की जा रही है। बैठक में कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश, कृषि विभाग के संयुक्त शासन सचिव एसपी सिंह, कृषि (विस्तार) खण्डों के संयुक्त निदेशक, मैसर्स इफको, कृभको एवं आईपीएल के राज्य प्रतिनिधि सहित कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
फील्ड में जा आंकड़े जुटाएं
एसीएस गोयल ने कृषि खण्ड संयुक्त निदेशकों से जिलेवार संभावित बुवाई तथा उर्वरकों की उपलब्धता एवं आवश्यकता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संयुक्त निदेशक फील्ड अधिकारियों से चर्चा कर प्रत्येक जिले की संभावित फसलवार बुवाई, उर्वरकों की मांग एवं उपलब्ध स्टॉक की फाइनल रिपोर्ट बुधवार सायं तक भिजवाएं। फिर उसी के अनुसार उर्वरकों की मांग के प्रदेश स्तरीय प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।
अग्रिम भंडारण पर दिया जोर
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की उर्वरकों संबंधी बजट घोषणा की क्रियान्विति के लिए राजफेड की ओर से तैयार प्लान की प्रगति की समीक्षा कर अग्रिम भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज पवन ने कहा कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार 15 अक्टूबर तक दो लाख मैट्रिक टन यूरिया एवं एक लाख मैट्रिक टन डीएपी उर्वरकों का अग्रिम भण्डारण सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
पिछले साल हुई इतनी बुवाई
समीक्षा बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि (आदान) डॉ. आरजी शर्मा ने पिछले पांच साल में रबी सीजन की बुवाई, उर्वरक उपभोग, औसत उपभोग एवं इस वर्ष संभावित उर्वरक उपभोग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली रबी सीजन में 90 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई। इसमें 12.11 लाख मैट्रिक टन यूरिया और 2.66 लाख मैट्रिक टन डीएपी का उपभोग हुआ। फील्ड अधिकारियों ने बुवाई में बढ़ोतरी होना बताया है।