टॉयलेट पेपर की चोरी रोकगा चीन में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस
जयपुरPublished: Oct 21, 2019 10:51:24 am
चीन के शामियान आईलैंड में टॉयलेट क्यूबिकल्स में चेहरा पहचानने के बाद ही मिलेगा पेपर
चीन में नित नई तकनीक का इस्तेमाल होता ही रहता है। हाई टेक तकनीक वहां एयरपोर्ट सुरक्षा जांच से लेकर अपराध रोकने में काम आ रही है लेकिन अब चीन ने इसका एक अनोखा इस्तेमाल भी खोज निकाला है। चीन के गुआंझाऊ प्रांत में दुनिया भर के सैलानियों में लोकप्रिय शामियान आइलैंड पर फेशियल रिकॉग्नीशन तकनीक का इस्तेमाल टॉयलेट पेपर डिस्पेंसिंग में हो रहा है। यह सुविधा कुछ क्यूबिकल्स में उपलब्ध कराई गई है, जहां चेहरे की पहचान के बाद ही यूजर्स 90सेमी टॉयलेट पेपर निकाल सकते हैं। अगर सिस्टम को यह पता लगता है कि 10 मिनट के भीतर ही वही चेहरा फिर से पेपर निकालने की कोशिश कर रहा है तो पेपर बाहर नहीं आता है। टॉयलेट पेपर डिस्पेंसिंग में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल इस बात को दर्शाता है कि किस तरह से चीन हर छोटी-छोटी चीजों में तकनीक काम लेने का उत्सुक है, चाहे वे कचरे के डिब्बे हों, जो रिसाइकल होने वाली चीजों को खुद अलग कर लेते हैं या फिर एआई युक्त ट्रैफिक लाइट्स हों।
फेशियल रिकॉग्नीशन की मदद से टॉयलेट पेपर डिस्पेंसिंग की शुरुआत वर्ष 2017 में बीजिंग स्थित टेंपल ऑफ हेवन पार्क के सार्वजनिक रेस्टरूम में हुई थी और अब इस साल के जून में इसका इस्तेमाल शामियान में शुरू किया गया था। शामियान आईलैंड बाकी शहर से एक पतली नहर के जरिए जुड़ा हुआ है और चीन से बंदरगाह संधि के वक्त 1842 से 1943 तक यहां ब्रिटेन और फ्रांस को विशेष रियायत प्राप्त थी।
हालांकि टॉयलेट क्यूबिकल्स में इस तकनीक के प्रयोग से हर कोई खुश नहीं है। गुआंझाऊ के 24 साल के इंजीनियर निक यी का कहना है कि एआई का अतियर्थाथवादी इस्तेमाल किसी के लिए भी अच्छा नहीं है। हो सकता है कि इससे टॉयलेट पेपर बच जाए लेकिन लोगों का वक्त जरूर जाया होगा। शामियान में वैसे भी सार्वजनिक टॉयलेट्स के बाहर लोगों की लंबी कतारें होती हैं और अब लोगों को कई सेकंड पेपर निकालने के लिए भी मशीन के सामने खड़ा होना होगा। वहीं इसके समर्थकों में से एक गुआंझाऊ के ही निवासी ली का कहना है कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि अगर कोई टॉयलेट पेपर चुरा लेता है तो यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा। इसलिए तकनीक के इस्तेमाल से हमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, चाहे वह अंतरिक्ष की नई-नई खोजों के लिए हो या फिर टॉयलेट पेपर बचाने के लिए।