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AICC ने जारी किया ‘स्टेंडिंग ऑर्डर’! बिना PCC चीफ की अनुमति के नहीं करेगा कोई मीडिया से संवाद

locationजयपुरPublished: Jul 15, 2020 09:05:17 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

कांग्रेस नेताओं पर मीडिया से बातचीत बैन! कोई प्रतिक्रिया देने से पहले लेनी होगी अनुमति, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने जारी किए निर्देश, ताकि नेताओं के विरोधाभासी बयानों से ना उलझे स्थितियां

AICC directs Congressmen not give media reactions without permission
जयपुर

प्रदेश में ‘20-20’ क्रिकेट के अंदाज़ में ताबड़तोड़ हो रहे घटनाक्रमों ने सूबे की सियासत को दिलचस्प बना डाला है। विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से शुरू हुआ बवाल फिलहाल बगावत का बिगुल बजाने वाले निवर्तमान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके कैम्प पर सख्त कार्रवाई तक आ पहुंचा है। ये भी साफ़ है कि आने वाले दिनों में भी इसी फ़टाफ़ट अंदाज़ में सियासी बदलाव देखने को मिलेंगे।
इधर प्रदेश कांग्रेस की सत्ता से लेकर संगठन तक में बदलाव की कवायद के बीच नेताओं पर मीडिया से बातचीत करने पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार देर रात स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी किया कि कोई भी नेता बिना अनुमति के मीडिया को प्रतिक्रिया नहीं देगा।
मीडिया से संवाद से पहले पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा से अनुमति लेनी ज़रूरी रहेगी। हालाँकि इन निर्देशों में अभी ये साफ़ नहीं है कि कोई नेता सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर भी प्रतिक्रिया जारी कर सकेगा या नहीं। फिलहाल एआइसीसी के ये निर्देश प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।
प्रदेश प्रभारी ने जारी किए निर्देश

दरअसल, ये संभवतया पहली बार है जब प्रदेश कांग्रेस में मीडिया से बातचीत करने पर इस तरह से सख्त निर्देश जारी किये गए हों। इससे पहले तक कांग्रेस अध्यक्षों ने इस तरह के मौखिक आदेश ज़रूर जारी किये हैं। लेकिन प्रदेश प्रभारी ने मीडिया से बातचीत करने से पहले अनुमति लेने के निर्देश बाकायदा सार्वजनिक तौर पर अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किये हैं।
https://twitter.com/avinashpandeinc/status/1283096208358006784?ref_src=twsrc%5Etfw
…ताकि ना जाए कोई गलत सन्देश

गौरतलब है कि पिछले दिनों से लगातार चल रहे हाईप्रोफाइल राजनीतिक घटनाक्रमों पर अब प्रदेश कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रखने के मूड में है। पार्टी से जुड़े शीर्ष नेता नहीं चाहते हैं कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए नेताओं के विरोधाभासी बयानों से जनता तक कोई गलत सन्देश जाए। ऐसे में पार्टी आलाकमान के निर्देश पर नेताओं पर मीडिया संवाद पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।

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