इधर प्रदेश कांग्रेस की सत्ता से लेकर संगठन तक में बदलाव की कवायद के बीच नेताओं पर मीडिया से बातचीत करने पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार देर रात स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी किया कि कोई भी नेता बिना अनुमति के मीडिया को प्रतिक्रिया नहीं देगा।
मीडिया से संवाद से पहले पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा से अनुमति लेनी ज़रूरी रहेगी। हालाँकि इन निर्देशों में अभी ये साफ़ नहीं है कि कोई नेता सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर भी प्रतिक्रिया जारी कर सकेगा या नहीं। फिलहाल एआइसीसी के ये निर्देश प्रदेश कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।
प्रदेश प्रभारी ने जारी किए निर्देश दरअसल, ये संभवतया पहली बार है जब प्रदेश कांग्रेस में मीडिया से बातचीत करने पर इस तरह से सख्त निर्देश जारी किये गए हों। इससे पहले तक कांग्रेस अध्यक्षों ने इस तरह के मौखिक आदेश ज़रूर जारी किये हैं। लेकिन प्रदेश प्रभारी ने मीडिया से बातचीत करने से पहले अनुमति लेने के निर्देश बाकायदा सार्वजनिक तौर पर अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किये हैं।
…ताकि ना जाए कोई गलत सन्देश गौरतलब है कि पिछले दिनों से लगातार चल रहे हाईप्रोफाइल राजनीतिक घटनाक्रमों पर अब प्रदेश कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रखने के मूड में है। पार्टी से जुड़े शीर्ष नेता नहीं चाहते हैं कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए नेताओं के विरोधाभासी बयानों से जनता तक कोई गलत सन्देश जाए। ऐसे में पार्टी आलाकमान के निर्देश पर नेताओं पर मीडिया संवाद पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।