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Air Pollution : बिगड़ रही है वायु की गुणवत्ता,दिल्ली सरकार ने शेयर की नासा की तस्वीर

locationजयपुरPublished: Oct 16, 2019 04:48:47 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

दिल्ली एनसीआर में जनरेटर इस्तेमाल पर रोक
बिगड़ रही है वायु की गुणवत्ता
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
दिल्ली सरकार ने शेयर की नासा की तस्वीर
वायु की गुणवत्ता बिगडऩे के लिए पराली को बताया जिम्मेदार

बिगड़ रही है वायु की गुणवत्ता,दिल्ली सरकार ने शेयर की नासा की तस्वीर

बिगड़ रही है वायु की गुणवत्ता,दिल्ली सरकार ने शेयर की नासा की तस्वीर

दिल्ली एनसीआर ( Delhi-NCR ) में मंगलवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ( Graded Response Action Plan )लागू होने के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक ( Air Quality Index ) यानी एक्यूआई (AQI) बेहद खराब स्तर पर दर्ज किया गया। एनसीआर ( NCR )में करनाल सर्वाधिक प्रदूषित रहा, जबकि नोएडा में एक्यूआई 305 और दिल्ली में 270 दर्ज किया गया। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार (Delhi Govt.)ने भी नासा ( NASA )की तस्वीर जारी कर खेतों में जलाई जा रही पराली ( Parali ) की तरफ ध्यान दिलाया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि नासा द्वारा जारी हालिया तस्वीरें भी यह बताती हैं कि बड़े पैमाने पर पराली जलाई जा रही है। साथ ही सफर से प्रदूषण का आंकड़ा भी मांगा है। एक रिपोर्ट:
सफर की ओर से हाल ही में दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न इलाकों का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जारी किया गया है। उत्तरी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है। आज सुबह यह येलो लेवल यानी खराब रिकॉर्ड की गई। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पीएम 2.5 का स्तर 232 और पीएम 10 का स्तर 233 दर्ज हुआ है। राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 299 यानी खराब स्तरद्ध तक पहुंच गया। आइए नजर डालते हैं कि वायु की गुणवत्ता कहां कितनी रही है।
कहां कितना रहा एयर क्वॉलिटी इंडेक्स
समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई द्वारका सेक्टर 8 में : 359
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में : 343
मुंडका में 342 रोहिणी में : 319
आनंद विहार में : 313

बवाना में : 370
पड़ोसी गाजियाबाद : 316
ग्रेटर नोएडा : 308
लोनी देहात : 307 में वायु गुणवत्ता बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई है

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के मानक
एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर अच्छा होता है
जबकि 51 से 100 के बीच होने पर संतोषजनक
101 से 200 के बीच मध्यम
201 से 300 के बीच खराब
301 और 400 के बीच बहुत खराब
401 और 500 के बीच होने पर उसे गंभीर समझा जाता है
जनरेटर पर प्रतिबंध
जनरेटर पर प्रतिबंध ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी जीआरएपी का एक हिस्सा है। जीआरएपी को लागू कर दिया गया है। इसके तहत प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार कठोर प्रदूषण विरोधी उपाय अपनाए जाएंगे। आपको बता दें कि एेसा पहली बार है कि जब एनसीआर के शहरों गुडग़ांव, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ तक में जनरेटरों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
केंद्र की ओर से संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और अनुसंधान सफर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी के अंतिम हिस्से में है। यह सोमवार रात को थोड़े वक्त के लिए बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा धीमी चल रही है और उसकी दिशा ऐसी नहीं है कि वह धुएं को दिल्ली की ओर ले आए, इसलिए अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब होने की आशंका नहीं है। इसमें पूर्वानुमान लगाया है कि शहर की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी के अंतिम और बहुत खराब श्रेणी के शुरुआत स्तर के बीच रह सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि मौसम की स्थिति में बदलाव की वजह से शहर की हवा में सुधार हो सकता है।
केंद्र को लिखा पत्र : वीओ

राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता लगातार गिर रही है, जिसे देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर सर्दियों में शहर में प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए मंत्रालय के वायु गुणवत्ता एवं मौसम अनुमान और अनुसंधान यानी सफर के आंकड़े व प्रौद्योगिकी को साझा करने का आग्रह किया। गहलोत ने अपने पत्र में कहा कि नवंबर में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में पीएम 2.5 के स्तर में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि सफर के तहत बताया गया था कि दिल्ली में पराली जलाने से कुल पीएम 2.5 की सघनता में केवल 2 फीसदी की बढ़ोतरी होती है और ऐसी संभावना है कि अब यह बढ़कर 6 फीसदी हो जाएगा। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि आपका मंत्रालय भी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को लेकर बराबर चिंतित है और दोनों सरकारें दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिए साथ मिलकर काम कर सकती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधीन वायु गुणवत्ता निरीक्षण स्टेशन पीएम 2.5 सघनता के बाबत डेटा प्रदर्शित करने में सक्षम है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सफर के पास दिल्ली में किसी खास दिन पीएम 2.5 स्तर में पराली जलाने से प्रदूषण में योगदान के बारे में बताने की प्रौद्योगिकी है। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि सफर के पास रियल टाइम आधार पर प्रदूषण के आवंटन से संबंधित प्रौद्योगिकी और सामग्री है। उन्होंने इस बाबत हर्षवर्धन से आंकड़े उपलब्ध कराने का आग्रह किया। गहलोत ने अपने पत्र के अंत में लिखा, मैं इस संबंध में सफर की ओर से विकसित प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता को साझा करने का आग्रह करता हूं, ताकि दिल्ली सरकार को भी इससे फायदा हो सके।
नासा की तस्वीर की शेयर
दिल्ली सरकार ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से जारी की गई एक तस्वीर साझा की है, जिसमें दिल्ली के आसपास के राज्यों में बड़े पैमाने पर पराली जलती हुई दिख रही है। तस्वीर साझा करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा, नासा की हालिया तस्वीर में दिल्ली के आसपास के राज्यों में बड़े पैमाने पर पराली जलती नजर आ रही है। तस्वीर में हरियाणा, पंजाब और अन्य क्षेत्रों में पराली जलती हुई दिख रही है। आपको बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर के लिए पराली जलने की घटना को जिम्मेदार ठहराती आई है। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता पिछले एक सप्ताह से लगातार बिगड़ती जा रही है।
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