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125 मीटर ऊंचे IPD Tower के लिए केवल 51.48 मीटर की मिली Airport NOC

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2021 11:46:01 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

अब केन्द्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास जाना होगा

125 मीटर ऊंचे IPD Tower के लिए केवल 51.48 मीटर की मिली Airport NOC

125 मीटर ऊंचे IPD Tower के लिए केवल 51.48 मीटर की मिली Airport NOC

जयपुर। शहर के सवाई मानसिंह अस्पताल में बनने वाले 125 मीटर ऊंचे आईपीडी टॉवर के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से फिलहाल 51.48 मीटर ऊंचाई की ही एनओसी मिली है। स्थानीय अथॉरिटी ने इससे ज्यादा ऊंचाई की अनुमति के लिए दिल्ली स्थित केन्द्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास जाने और आवेदन की अगली प्रक्रिया अपनाने की सलाह दे दी है। इसके बाद अफसरों में हलचल मच गई, क्योंकि सरकार इसके निर्माण की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करना चाह रही है। जेडीए ने इसकी जानकारी नगरीय विकास विभाग को दी। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस प्रक्रिया को तेज गति से करने के निर्देश दिए हैं। अफसर अब दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि आईपीडी टॉवर प्रदेश की सबसे ऊंची इमारत होगी।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यह दिया तर्क
-ऊंचाई की लिए जो एनओसी प्रक्रिया अपनाई गई, उसमें 51.48 मीटर के लिए ही एनओसी दी जा सकती है। इससे अधिक ऊंचाई के लिए आवेदन की अगली प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है।
-आवेदन की दूसरी प्रक्रिया के लिए केन्द्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी को नए सिरे से आवेदन करना होगा। इसके लिए फीस देने से लेकर कई अन्य प्रक्रिया अपनानी होगी।
सरकार ने किया 20 की जगह 125 मीटर ऊंचाई का रास्ता साफ
नगरीय विकास विभाग के एक्सपर्ट कमेटी ने अस्पताल परिसर में 125 मीटर ऊंची इमारत बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। पिछले दिनों प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। जबकि, बिल्डिंग बायलॉज में यहां अधिकतम 20 मीटर ऊंची इमारत बनाने का ही प्रावधान है, लेकिन सरकार ने विशेष स्थितियों में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर यहां 125 मीटर ऊंचाई तक छूट दे रही है।
पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया भी शुरू : इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण स्वीकृति के लिए भी आवेदन कर दिया गया है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अफसरों के साथ बैठक भी हो चुकी है। यूडीएच और जेडीए दोनों मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
दिक्कतों की राह
1. टेंडर दर पर माथापच्ची : टॉवर निर्माण के लिए टेेंडर खुल चुके हैं, जिसमें एक फर्म सफल हुई। इसके निर्माण का आकलन 405 करोड़ रुपए का किया गया, लेकिन टेंडर में 479 करोड़ रुपए आई। दो बार नेगोशिएशन के बाद कंपनी ने 455.40 करोड़ रुपए में काम करने की रजामंदी दी। इस बीच सरकार ने तीन आईएएस की कमेटी बनाई है, जो इस पूरी प्रक्रिया का अध्ययन कर रही है कि इस दर पर काम कराया जाए या नहीं। हालांकि, सरकार के पास दोबारा टेंडर का विकल्प है।
2. कोर्ट से लेनी होगी अनुमति : हाईकोर्ट ने कुणाल रावत बनाम सरकार के केस में फिलहाल 32 मीटर तक ही निर्माण की अनुमति दे रखी है। अभी शहर में 42 मीटर ऊंचाई तक स्नार्गल लैडर और अब 70 मीटर ऊंचाई तक मशीन आ रही है। हालांकि,अफसरों ने तर्क दिया कि इससे ज्यादा ऊंचाई की इमारतों में आग बुझाने के लिए अंदरुनी ही संसाधन लगते हैं।
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