सरकार ने किया 20 की जगह 125 मीटर ऊंचाई का रास्ता साफ
नगरीय विकास विभाग के एक्सपर्ट कमेटी ने अस्पताल परिसर में 125 मीटर ऊंची इमारत बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। पिछले दिनों प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। जबकि, बिल्डिंग बायलॉज में यहां अधिकतम 20 मीटर ऊंची इमारत बनाने का ही प्रावधान है, लेकिन सरकार ने विशेष स्थितियों में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर यहां 125 मीटर ऊंचाई तक छूट दे रही है।
नगरीय विकास विभाग के एक्सपर्ट कमेटी ने अस्पताल परिसर में 125 मीटर ऊंची इमारत बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। पिछले दिनों प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। जबकि, बिल्डिंग बायलॉज में यहां अधिकतम 20 मीटर ऊंची इमारत बनाने का ही प्रावधान है, लेकिन सरकार ने विशेष स्थितियों में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर यहां 125 मीटर ऊंचाई तक छूट दे रही है।
पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया भी शुरू : इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण स्वीकृति के लिए भी आवेदन कर दिया गया है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अफसरों के साथ बैठक भी हो चुकी है। यूडीएच और जेडीए दोनों मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
दिक्कतों की राह
1. टेंडर दर पर माथापच्ची : टॉवर निर्माण के लिए टेेंडर खुल चुके हैं, जिसमें एक फर्म सफल हुई। इसके निर्माण का आकलन 405 करोड़ रुपए का किया गया, लेकिन टेंडर में 479 करोड़ रुपए आई। दो बार नेगोशिएशन के बाद कंपनी ने 455.40 करोड़ रुपए में काम करने की रजामंदी दी। इस बीच सरकार ने तीन आईएएस की कमेटी बनाई है, जो इस पूरी प्रक्रिया का अध्ययन कर रही है कि इस दर पर काम कराया जाए या नहीं। हालांकि, सरकार के पास दोबारा टेंडर का विकल्प है।
1. टेंडर दर पर माथापच्ची : टॉवर निर्माण के लिए टेेंडर खुल चुके हैं, जिसमें एक फर्म सफल हुई। इसके निर्माण का आकलन 405 करोड़ रुपए का किया गया, लेकिन टेंडर में 479 करोड़ रुपए आई। दो बार नेगोशिएशन के बाद कंपनी ने 455.40 करोड़ रुपए में काम करने की रजामंदी दी। इस बीच सरकार ने तीन आईएएस की कमेटी बनाई है, जो इस पूरी प्रक्रिया का अध्ययन कर रही है कि इस दर पर काम कराया जाए या नहीं। हालांकि, सरकार के पास दोबारा टेंडर का विकल्प है।
2. कोर्ट से लेनी होगी अनुमति : हाईकोर्ट ने कुणाल रावत बनाम सरकार के केस में फिलहाल 32 मीटर तक ही निर्माण की अनुमति दे रखी है। अभी शहर में 42 मीटर ऊंचाई तक स्नार्गल लैडर और अब 70 मीटर ऊंचाई तक मशीन आ रही है। हालांकि,अफसरों ने तर्क दिया कि इससे ज्यादा ऊंचाई की इमारतों में आग बुझाने के लिए अंदरुनी ही संसाधन लगते हैं।