जयपुर। कुछ अलग हटकर करने की ख्वाहिश हर कलाकार के भीतर होती है। अपनी ख्वाहिश को ऐसे ही कलाकार पूरा कर पाते हैं जो होते है औरों से अलग करते हैं। वीमन पॉलिटेक्नीक कॉलेज में कॉमर्शियल आर्ट की लेक्चरर रेणु विद्यार्थी ने भी कुछ ऐसा ही किया है जो उन्हें दूसरों से अलग करता है। उन्होंने अपने रंगों को बिखेरा है अंडों के खोल पर और उन्हें नया रूप दे दिया। जवाहर कला केंद्र में उनकी पेंटिंग प्रदर्शनी का आगाज गुरुवार को हुआ है। जिसमें उन्होंने कैनवास पर तो अपनी कला दर्शाई है। साथ ही अंडे के खोल पर भी अपनी कला के रंग बिखेरे हैं। अंडों के खोल पर अजंता एलोरा की गुफाए (painting on egg) तो हैं ही साथ ही भगवान गणपति को भी उकेरा गया है तो भगवान गणेश को भी। अंडे पर उन्होंने दुनिया के सातों अजूबों को भी प्रदर्शित किया है। अंडे पर चित्र बनाने को श्चुनौती मानने वाली रेणु ने बताया कि कैनवास पर अपनी कला को अभिव्यक्त करने की तुलना में अंडे पर चित्र बनाना काफी मुश्किल भरा काम होता है। सतत साधना से ही अंडे पर चित्रकारी होती है। उन्होंने सिर्फ मुर्गी के ही नहीं, कबूतर और अन्य पक्षियों के अंडों पर भी चित्रकारी की है। ऐसे बनाती हैं पेंटिंग अंडे में एक छोटा सा छेद कर उसमें से भीतरी द्रव्य पदार्थ को बाहर निकालती हैं, फिर उसे केमिकल की मदद से साफ करती हैं। इसके बाद शुरू होता है रेनू का काम। सबसे पहले अंडे पर हल्के हाथों से पेंसिल से चित्र बनाना होता है। इस प्रक्रिया में कई बार अंडा टूट जाता है और घंटों की मेहनत खराब हो जाती है। अंडे पर काम करने के लिए एकाग्रता की भी जरूरत होती है। घंटों काम करने के बाद अंडे पर एक पेंटिंग का काम पूरा हो पाता है। मिनिएचर आर्ट का फ्यूजन रूप भी उन्होंने अपनी इस प्रदर्शनी में मिनीएचर आर्ट का फ्यूजन रूप भी दर्शाया है। कोटा शैली में मिनिएचर पेंटिंग कर रहीं रेनू कहती हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें कोविड काल के दौरान मिली, जबकि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी, मैं कॉलेज में लेक्चरर हूं और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास ही ले रही थी, उसी को याद रखते हुए कैनवास पर एक पेंटिंग बनाई जिसमें भगवान कृष्ण सभी देवी देवताओं को लैपटाप लेकर ऑनलाइन गीता की शिक्षा दे रहे हैं। मैंने इस पेंटिंग में देवी देवताओं को भी लैपटॉप लिए हुए दर्शाया है।
जयपुर। कुछ अलग हटकर करने की ख्वाहिश हर कलाकार के भीतर होती है। अपनी ख्वाहिश को ऐसे ही कलाकार पूरा कर पाते हैं जो होते है औरों से अलग करते हैं। वीमन पॉलिटेक्नीक कॉलेज में कॉमर्शियल आर्ट की लेक्चरर रेणु विद्यार्थी ने भी कुछ ऐसा ही किया है जो उन्हें दूसरों से अलग करता है। उन्होंने अपने रंगों को बिखेरा है अंडों के खोल पर और उन्हें नया रूप दे दिया। जवाहर कला केंद्र में उनकी पेंटिंग प्रदर्शनी का आगाज गुरुवार को हुआ है। जिसमें उन्होंने कैनवास पर तो अपनी कला दर्शाई है। साथ ही अंडे के खोल पर भी अपनी कला के रंग बिखेरे हैं। अंडों के खोल पर अजंता एलोरा की गुफाए (painting on egg) तो हैं ही साथ ही भगवान गणपति को भी उकेरा गया है तो भगवान गणेश को भी। अंडे पर उन्होंने दुनिया के सातों अजूबों को भी प्रदर्शित किया है। अंडे पर चित्र बनाने को श्चुनौती मानने वाली रेणु ने बताया कि कैनवास पर अपनी कला को अभिव्यक्त करने की तुलना में अंडे पर चित्र बनाना काफी मुश्किल भरा काम होता है। सतत साधना से ही अंडे पर चित्रकारी होती है। उन्होंने सिर्फ मुर्गी के ही नहीं, कबूतर और अन्य पक्षियों के अंडों पर भी चित्रकारी की है। ऐसे बनाती हैं पेंटिंग अंडे में एक छोटा सा छेद कर उसमें से भीतरी द्रव्य पदार्थ को बाहर निकालती हैं, फिर उसे केमिकल की मदद से साफ करती हैं। इसके बाद शुरू होता है रेनू का काम। सबसे पहले अंडे पर हल्के हाथों से पेंसिल से चित्र बनाना होता है। इस प्रक्रिया में कई बार अंडा टूट जाता है और घंटों की मेहनत खराब हो जाती है। अंडे पर काम करने के लिए एकाग्रता की भी जरूरत होती है। घंटों काम करने के बाद अंडे पर एक पेंटिंग का काम पूरा हो पाता है। मिनिएचर आर्ट का फ्यूजन रूप भी उन्होंने अपनी इस प्रदर्शनी में मिनीएचर आर्ट का फ्यूजन रूप भी दर्शाया है। कोटा शैली में मिनिएचर पेंटिंग कर रहीं रेनू कहती हैं कि इसकी प्रेरणा उन्हें कोविड काल के दौरान मिली, जबकि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी, मैं कॉलेज में लेक्चरर हूं और स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास ही ले रही थी, उसी को याद रखते हुए कैनवास पर एक पेंटिंग बनाई जिसमें भगवान कृष्ण सभी देवी देवताओं को लैपटाप लेकर ऑनलाइन गीता की शिक्षा दे रहे हैं। मैंने इस पेंटिंग में देवी देवताओं को भी लैपटॉप लिए हुए दर्शाया है।