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राजसमंदः चुनावी समर के बीच पत्रिका की अजय माकन से खास बातचीत, जानें गहलोत-पायलट को लेकर क्या बोले

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2021 02:36:11 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

राज्य में सियासी संग्राम के बाद अब उप चुनाव में कांग्रेस उतरी तो राजनीतिक समीकरणों की तस्वीर बदली नजर आई।

Ajay Maken Exclusive Interview with Patrika

राज्य में सियासी संग्राम के बाद अब उप चुनाव में कांग्रेस उतरी तो राजनीतिक समीकरणों की तस्वीर बदली नजर आई।

सुनील सिंह सिसोदिया/राजसमंद। राज्य में सियासी संग्राम के बाद अब उप चुनाव में कांग्रेस उतरी तो राजनीतिक समीकरणों की तस्वीर बदली नजर आई। इस पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों को साथ लेकर चलना ही मेरा मुख्य लक्ष्य है। हालांकि राजनीतिक सुलह का फॉर्मूला अब तक जमीन पर नहीं उतरने के सवाल पर माकन ने कहा कि अहमद पटेल के आकस्मिक निधन की वजह से इसमें देरी हुई है। साथ ही कहा कि सभी को पार्टी में पूरा सम्मान मिले, यही मेरी कोशिश है। माकन की मानें तो उप चुनाव की वजह से कार्यकर्ताओं की राजनीतिक नियुक्तियों में देरी हुई। चुनाव परिणाम के बाद प्राथमिकता से इसे किया जाएगा। राजस्थान पत्रिका ने उप चुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी माकन से बातचीत की, पेश हैं प्रमुख अंश…
पत्रिका: आप दो बार गहलोत-पायलट को हेलीकप्टर में साथ लेकर गए, इसके क्या मायने हैं?
माकन: राज्य प्रभारी के नाते मेरी कोशिश है कांग्रेस के सभी नेता साथ नजर आएं। सभी मिलकर काम करें। मुझे खुशी है कि इसमें मैं काफी हद तक कामयाब रहा। पायलट ने भी बैठकों में सरकार की तारीफ की है और जनता से वोट देने की अपील भी कर रहे हैं।
पत्रिका: राजनीतिक सुलह में पायलट गुट से आलाकमान ने जो वादे किए, क्या उनकी पालना हुई?
माकन: इसकी पालना के लिए अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मेरी सदस्यता में कमेटी बनी थी। दुर्भाग्यवश पटेल का निधन हो गया। इस वजह से हम लोग इस पर काम नहीं कर पाए, लेकिन हमारी कोशिश है कि पार्टी के अंदर सभी लोगों को पूरा सम्मान मिले।
पत्रिका: कार्यकर्ताओं को अब तक राजनीतिक नियुक्ति और संगठन में पद नहीं मिले, क्या वजह रही?
माकन: पहले ही राजनीतिक नियुक्तियां देने में देरी हो चुकी है। जिलाध्यक्ष से ब्लॉक अध्यक्ष तक भी बनाने हैं। इसमें देरी की मुख्य वजह तो पहले पंचायत और नगर निगम के चुनाव और अब उप चुनाव हैं। इस चुनाव के बाद अब सबसे पहले राजनीतिक नियुक्ति दी जाएगी। ताकि कार्यकताओं में उत्साह बना रहे।
पत्रिका: राज्य में चार की जगह तीन ही सीट पर उप चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं?
माकन: यह केन्द्रीय चुनाव आयोग ने किया। चार जगह चुनाव होने हों और आयोग एक सीट छोड़ दे। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। यह हैरान करने वाली बात है। चारो सीटों पर चुनाव साथ होने चाहिए थे। आयोग ने वल्लभनगर में चुनाव नहीं कराकर वहां की जनता के साथ अन्याय किया है।
पत्रिका: आरोप है, कांग्रेस ने पितलिया को सियासी क्वारंटाइन करके उन्हें प्रचार करने से रोक दिया?
पत्रिका: कोरोना नियंत्रण के लिए क्वारंटाइन के जो नियम हैं, उसकी पालना लादूलाल पितलिया ही नहीं बल्कि सभी को करनी है। हम भी कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता इसमें कुछ भी राजनीतिक है। मैं भी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लेकर राजस्थान आया हूं।
पत्रिका: तीनों उप चुनाव से आपको क्या उम्मीद है?
माकन: कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। हम तीनों सीट जीतेंगे। कार्यकर्ताओं में काफी ऊर्जा है। वे समन्वय के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। लम्बे समय बाद हम राजसमंद सीट जीतने जा रहे हैं। सहाड़ा और सुजानगढ़ में कांग्रेस की फिर जीत होगी।
पत्रिका: निर्दलीय प्रत्याशी लादूलाल पितलिया की नामांकन वापसी को आप कैसे देखते हैं?
माकन: लादूलाल पितलिया की रोज नई रिकॉर्डिंग सामने आ रही हैं। इनमें वे स्वयं कार्यकर्ताओं को कह रहे हैं कि उनके साथ अच्छा नहीं हुआ। नामांकन वापसी के लिए उन पर और परिजन पर काफी दवाब था। यह भाजपा की ओछी राजनीति और कार्यशैली को बताता है। आयकर, ईडी और सीबीआई के जरिए विरोधियों को दबाने प्रयास कर रहे हैं। ऐसा राजनीति में पहले कभी नहीं हुआ। कांग्रेस 70 साल शासन में रही, लेकिन इस प्रकार की दवाब की राजनीति कभी नहीं की।
पत्रिका: कोरोना के बीच क्या राज्य सरकार बजट के तमाम वादों को पूरा कर पाएगी?
माकन: कोरोना के पहले फेज में लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकार ने बेहतरीन बजट दिया। आज संक्रमण और मृत्यु दर राजस्थान में सबसे कम है। देश में तेलंगाना के बाद वैक्सीनेशन में भी राजस्थान दूसरे नंबर पर है। अब तक करीब 9 फीसदी लोगों का राज्य में वैक्सीनेशन हो चुका है। जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में 2 से 3 फीसदी ही हुआ है। गहलोत सरकार का इससे बेहतरीन उदाहरण कोई नहीं हो सकता। बजट में जो वादे किए उन पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में भी 5 लाख का बीमा देने का काम शुरू कर दिया गया है।
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