माकन: राज्य प्रभारी के नाते मेरी कोशिश है कांग्रेस के सभी नेता साथ नजर आएं। सभी मिलकर काम करें। मुझे खुशी है कि इसमें मैं काफी हद तक कामयाब रहा। पायलट ने भी बैठकों में सरकार की तारीफ की है और जनता से वोट देने की अपील भी कर रहे हैं।
माकन: इसकी पालना के लिए अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मेरी सदस्यता में कमेटी बनी थी। दुर्भाग्यवश पटेल का निधन हो गया। इस वजह से हम लोग इस पर काम नहीं कर पाए, लेकिन हमारी कोशिश है कि पार्टी के अंदर सभी लोगों को पूरा सम्मान मिले।
माकन: पहले ही राजनीतिक नियुक्तियां देने में देरी हो चुकी है। जिलाध्यक्ष से ब्लॉक अध्यक्ष तक भी बनाने हैं। इसमें देरी की मुख्य वजह तो पहले पंचायत और नगर निगम के चुनाव और अब उप चुनाव हैं। इस चुनाव के बाद अब सबसे पहले राजनीतिक नियुक्ति दी जाएगी। ताकि कार्यकताओं में उत्साह बना रहे।
माकन: यह केन्द्रीय चुनाव आयोग ने किया। चार जगह चुनाव होने हों और आयोग एक सीट छोड़ दे। ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। यह हैरान करने वाली बात है। चारो सीटों पर चुनाव साथ होने चाहिए थे। आयोग ने वल्लभनगर में चुनाव नहीं कराकर वहां की जनता के साथ अन्याय किया है।
पत्रिका: कोरोना नियंत्रण के लिए क्वारंटाइन के जो नियम हैं, उसकी पालना लादूलाल पितलिया ही नहीं बल्कि सभी को करनी है। हम भी कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता इसमें कुछ भी राजनीतिक है। मैं भी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लेकर राजस्थान आया हूं।
माकन: कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। हम तीनों सीट जीतेंगे। कार्यकर्ताओं में काफी ऊर्जा है। वे समन्वय के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। लम्बे समय बाद हम राजसमंद सीट जीतने जा रहे हैं। सहाड़ा और सुजानगढ़ में कांग्रेस की फिर जीत होगी।
माकन: लादूलाल पितलिया की रोज नई रिकॉर्डिंग सामने आ रही हैं। इनमें वे स्वयं कार्यकर्ताओं को कह रहे हैं कि उनके साथ अच्छा नहीं हुआ। नामांकन वापसी के लिए उन पर और परिजन पर काफी दवाब था। यह भाजपा की ओछी राजनीति और कार्यशैली को बताता है। आयकर, ईडी और सीबीआई के जरिए विरोधियों को दबाने प्रयास कर रहे हैं। ऐसा राजनीति में पहले कभी नहीं हुआ। कांग्रेस 70 साल शासन में रही, लेकिन इस प्रकार की दवाब की राजनीति कभी नहीं की।
माकन: कोरोना के पहले फेज में लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकार ने बेहतरीन बजट दिया। आज संक्रमण और मृत्यु दर राजस्थान में सबसे कम है। देश में तेलंगाना के बाद वैक्सीनेशन में भी राजस्थान दूसरे नंबर पर है। अब तक करीब 9 फीसदी लोगों का राज्य में वैक्सीनेशन हो चुका है। जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में 2 से 3 फीसदी ही हुआ है। गहलोत सरकार का इससे बेहतरीन उदाहरण कोई नहीं हो सकता। बजट में जो वादे किए उन पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में भी 5 लाख का बीमा देने का काम शुरू कर दिया गया है।