अभियोजन पक्ष भी अपराध को संदेह के परे साबित करने में विफल रहा है। गौरतलब है कि प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को अदालत ने 2017 में आजीवन कारावास की सजा से दंडि़त किया था।
वहीं आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सात आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। भावेश और देवेन्द्र की सजा को भी हाईकोर्ट ने अगस्त, 2018 को दण्डादेश की अपील के निस्तारण तक स्थगित कर चुका है। मामले में आरोपी संदीप एवं रामचन्द्र फरार है।
सुरेश नायर पर भी एनआईए ने 2 लाख रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था। सुरेश नायर को गुजरात एटीएस ने 26 नवंबर, 2018 को गुजरात के भरूच से गिरफ्तार किया था। नायर पर एनआईए ने बम सप्लाई का आरोप लगाया गया था।
एनआईए ने नायर के खिलाफ 29 जनवरी, 2019 को पूरक चालान पेश किया था। अदालत में सुरेश नायर की ओर से अधिवक्ता जे.एस. राणा एवं अश्वनी बोहरा ने एवं एनआईए की ओर से एसपीपी अश्विनी शर्मा ने पैरवी की।