उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों ने दलाल वकील शशिकांत जोशी के जरिए तत्कालीन राजस्व मंडल सदस्य सुनील शर्मा (आरएएस) अपने प्रकरणों में मनमाफिक निर्णय कराने के लिए रिश्वत की राशि दी। बदले में राजस्व मंडल में निर्णय सुनाने से पहले ही दोनों आरोपियों को उसकी जानकादी दी गई, तब आरोपियों ने निर्णय हितबद्ध फेरबदल भी करवाया। निर्णय संशोधित करवाने के बाद ही जारी किया गया।
यह है मामला अनुसंधान अधिकारी सीपी शर्मा ने बताया कि एसीबी को रेवण्यू बोर्ड में रिश्वत की राशि लेकर निर्णय बदलने की शिकायत मिली थी। इस पर एसीबी ने तकनीकी निगरानी रखना शुरू किया। एसीबी ने पुख्ता सबूत जुटाने के बाद 9 अप्रेल को रेवण्यू बोर्ड के सदस्य आरएएस अधिकारी सुनील शर्मा, भंवरलाल मेहरड़ा और वकील शशिकांत को गिरफ्तार किया था। प्रकरण में अन्य लोगों के खिलाफ अनुसंधान शेष रखा गया था। उक्त प्रकरण में अन्य लोगों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।