नाटक में आज की प्रासंगिकता के अनुसार अकबर और बीरबल के बीच के मित्रवत संबंधों को मजेदार तरीके से दिखाने का प्रयास किया गया।
साथ ही कार्यक्रम में राधाकृकृष्ण की फूलों की होली का आयोजन भी हुआ। जिसमें कलाकारों ने विभिन्न भक्ति गीतों पर प्रस्तुति दी।
महोत्सव में मयूर नृत्य में ब्रज की संस्कृति झलकी।