नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी प्रभारी (मलेरिया) डाॅ. सोनिया अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम की ओर से डेंगू/मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से शहरवासियों को बचाने के लिए विशेष अभियान चल रहा है। अभियान के तहत जिला मजिस्ट्रेट आदेश की पालना में नगर निगम की ओर से लोगों को बताया गया है कि वे अपने घर-आॅफिस या दुकान के आस-पास के परिसर में पानी जमा ना होने दें। नहीं तो ऐसे जमा पानी में लार्वा पाये जाने पर उनके विरूद्व 500 रूपए के अर्थदण्ड आरोपण की कार्रवाई की जाएगी। जयपुर शहर में नगर निगम की ओर से गठित टीमों ने 45 व्यक्तियों के विरूद्ध अर्थदण्ड की कार्रवाई की है। घर-आॅफिस या दुकान परिसर में जमा पानी में लार्वा पाए जाने पर 45 लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है।
आप ये जानकार हैरान हो जाएंगे कि बरसाती मौसम में पैदा होने वाले मच्छरों और लार्वा को नष्ट करने का जिम्मा नगर निगम है। जयपुर में जहां भी मच्छर होते हैं निगम फोगिंग करवाता है और जहां पर पानी एकत्रित होता है वहां पर एंटी लार्वा दवा डाली जाती है। लेकिन नगर निगम खुद की जिम्मेदारी निभाने की बजाय जनता से जुर्माना वसूली कर अपनी जेब भरने का जुगाड़ कर लिया है।
मॉनसूनी सीजन अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है। बरसात के कारण शहर में मच्छरों की भरमार हो गई है। इसके बावजूद नगर निगम ने अब तक फोगिंग शुरू नहीं की है। नगर निगम के तय शेड्यूल के मुताबिक 1 सितम्बर से फोगिंग शुरू होनी थी। लेकिन अब तक शहर में मच्छर मार दवा का छिड़काव शुरू नहीं हो पाया है। जबकि नगर निगम ने पिछले ही साल 2 व्हीकल माउंटेड फोगिंग मशीन और 7 पोर्टेबल फोगिंग मशीनें का बेड़ा तैयार किया था। इन मशीनों से शहर के प्रत्येक वार्ड में दो पारियों में सुबह 9 से 12 बजे और शाम को 4 से 7 बजे तक फोगिंग करने की योजना बनाई थी। निगम प्रशासन ने इस बार भी 1 सितम्बर से पूरे शहर में फोगिंग करने का दावा किया था। निगम प्रशासन फोगिंग नहीं करवा पाने की नाकामी छिपाने के लिए अब लोगों से जुर्माना वसूलने में जुटा है।