महिला आरक्षण बिल पर सियासी पारा गर्माया हुआ है। केंद्र सरकार जहां इस बिल के पॉज़िटिव पॉइंट्स बताकर इसका चुनावी श्रेय लेने में लगी हुई है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विरोधी दल आम जनता तक इस बिल के नेगेटिव पॉइंट्स बता रहे हैं
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल को लेकर भाजपा और आरएसएस की नीयत में हमेशा ही खोट रही है। अगर ये बिल 10 साल बाद ही लागू करना था, तो सरकार को इसे 2014 में ही पेश कर देना चाहिए था ताकि ये अब तक लागू हो गया होता। इससे साफ़ है कि ये 2024 की हार से डरकर महिला वोटों के लिए नौटंकी रची गई है। जबकि महिला आरक्षण की मांग सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने ही उठाई थी
बा ने दिल्ली में महिला पहलवानों से दुर्व्यवहार की घटना का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि जब पहलवान बेटियां धरने पर बैठी थीं तब उनकी नहीं सुनी गई। कोर्ट के निर्देश पर सांसद बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर हुई। लेकिन उसके बाद भी आज तक कार्रवाई नहीं हुई। लांबा ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को 40 टिकट दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ओबीसी विरोधी है