इस आदेश के मुताबिक जयपुर, जोधपुर, कोटा व उदयपुर जिला मुख्यालय पर सेवारत 80 या अधिक बैड क्षमता के निजी चिकित्सालयों को 30 प्रतिशत बैड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखने होंगे। उन्होेंने कहा कि अजमेर व बीकानेर जिला मुख्यालय में मौजूद 60 से अधिक बैड क्षमता के निजी चिकित्सालयों को भी 30 प्रतिशत बैड कोरोना मरीजों के लिए रखना अनिवार्य होगा। ऐसे सभी निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार कोविड—19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अस्पताल परिसर में ही अलग वार्ड में करना होगा। संक्रमित मरीजों का उपचार विभाग की 3 सितंबर 2020 की अधिसूचना की दरों के अनुसार किया जाएगा।
इस संदर्भ में चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने राजस्थान महामारी अध्यादेश का प्रयोग करते हुए निजी चिकित्सालयों के लिए निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों की पालना ना करने पर विभाग की ओर से इसी अध्यादेश के तहत कार्रवाई भी होगी।
वहीं चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने अन्य आदेश जारी करते हुए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के साथ ही उन्हें डिस्चार्ज करने के आदेश भी दिए हैं। कई निजी अस्पतालों में ज्यादा दिन मरीजों को रखकर पैसा वसूला जा रहा था और अन्य संक्रमित मरीजों को बैड नहीं मिलने की शिकायत भी थी। इसी को देखते हुए यह आदेश दिया गया है। इसके अलावा जिन मरीजों में लक्षण दिखाई नहीं दे रहे, उन्हें होम आइसोलेशन किया जाने का निर्देश दिया है। सरकारी और निजी दोनों में भर्ती ऐसे मरीजों को कोविड सेंटर में रखने या होम आइसोलेशन में रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि गंभीर मरीजों को ज्यादा से ज्यादा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।