जयपुर

सभी निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों को इलाज देना जरूरी

— सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए जारी किए आदेश— निजी अस्पतालों को कुल क्षमता के 30 प्रतिशत बैड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखने होंगे

जयपुरSep 26, 2020 / 01:53 pm

Tasneem Khan

All private hospitals must provide treatment to corona patients

जयपुर। राज्य के कई जिलों से शिकायत मिल रही थी कि निजी अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज करने से इंकार कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने आदेश जारी कर ऐसे निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निजी अस्पतालों को अपनी कुल क्षमता के 30 प्रतिशत बैड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखने होंगे। इस बारे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर व बीकानेर जिला मुख्यालयों पर सेवारत निजी चिकित्सालयों को अपनी बैड क्षमता के 30 प्रतिशत बैड कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायत मिली कि कई बड़े निजी चिकित्सालय हैं, जो कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार नहीं कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों पर सरकार नजर रख रही है। इन आदेशों के बाद भी कोरोना संक्रमितों का इलाज नहीं किया जाता है तो अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कम से कम 60 बैड की क्षमता हो
इस आदेश के मुताबिक जयपुर, जोधपुर, कोटा व उदयपुर जिला मुख्यालय पर सेवारत 80 या अधिक बैड क्षमता के निजी चिकित्सालयों को 30 प्रतिशत बैड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखने होंगे। उन्होेंने कहा कि अजमेर व बीकानेर जिला मुख्यालय में मौजूद 60 से अधिक बैड क्षमता के निजी चिकित्सालयों को भी 30 प्रतिशत बैड कोरोना मरीजों के लिए रखना अनिवार्य होगा। ऐसे सभी निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार कोविड—19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अस्पताल परिसर में ही अलग वार्ड में करना होगा। संक्रमित मरीजों का उपचार विभाग की 3 सितंबर 2020 की अधिसूचना की दरों के अनुसार किया जाएगा।
महामारी अध्यादेश के तहत होगी कार्रवाई
इस संदर्भ में चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने राजस्थान महामारी अध्यादेश का प्रयोग करते हुए निजी चिकित्सालयों के लिए निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों की पालना ना करने पर विभाग की ओर से इसी अध्यादेश के तहत कार्रवाई भी होगी।
नेगेटिव और बिना लक्षण वाले मरीजों को छुट्टी देने के निर्देश
वहीं चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने अन्य आदेश जारी करते हुए कोरोना मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के साथ ही उन्हें डिस्चार्ज करने के आदेश भी दिए हैं। कई निजी अस्पतालों में ज्यादा दिन मरीजों को रखकर पैसा वसूला जा रहा था और अन्य संक्रमित मरीजों को बैड नहीं मिलने की शिकायत भी थी। इसी को देखते हुए यह आदेश दिया गया है। इसके अलावा जिन मरीजों में लक्षण दिखाई नहीं दे रहे, उन्हें होम आइसोलेशन किया जाने का निर्देश दिया है। सरकारी और निजी दोनों में भर्ती ऐसे मरीजों को कोविड सेंटर में रखने या होम आइसोलेशन में रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि गंभीर मरीजों को ज्यादा से ज्यादा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।

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