उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना की संख्या भले ही बढ़ रही हो लेकिन पॉजिटिव से नेगेटिव में बदलने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। देशभर में राजस्थान रिकवरी के मामले में सबसे आगे है। प्रदेश ने 38 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि अनलॉक-1 के बाद प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सुकून की बात यह है कि प्रदेश में 79 फीसदी से ज्यादा मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव में भी बदल रहे हैं, जोकि देश में सर्वाधिक है। प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्युदर भी 2.3 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। वर्तमान में प्रदेश में 3072 कोरोना पॉजिटिव केसेज हैं, इसमें से 2031 अस्पतालों में भर्ती हैं, शेष होम आइसोलेशन में हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 7.50 लाख से ज्यादा टेस्ट करवाए जा चुके हैं। प्रदेश में 38 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली गई है और प्रतिदिन 15-16 हजार जांचें प्रतिदिन की जा रही है। अमरीका से आने वाली अत्याधुनिक कोबास-8800 मशीन के बाद करीब 9 हजार जांचें प्रतिदिन और की जा सकेंगी। राजस्थान ने पड़ोसी राज्यों को भी 5000 टेस्ट प्रतिदिन करने की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि देशभर में कोरोना पीडि़त के दुगने होने की राष्ट्रीय औसत 19 दिन है, जबकि राजस्थान में यह औसत 28 दिन है। प्रदेश के जयपुर, धौलपुर, भरतपुर, जोधपुर, पाली सहित कुछ जिले हैं, जहां 100 से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। भरतपुर और धौलपुर जिलों में बाहरी राज्यों के सुपर स्प्रेडर्स के जरिए संक्रमण का फैलाव हुआ लेकिन हालात पूरी तरह काबू में हैं।