सोमवार को दम्पती के शव जीतावाला सांसियों की ढाणी पहुंचे तो घर में चीख पुकार मच गई और हीरा देवी बेसुध हो गई। गौरतलब है कि रविवार को नई का नाथ धाम दर्शन कर लौटते वक्त सुनील, रेखा व उनके अन्य रिश्तेदारों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
नहीं बचा सहारा
सुनील, मां और बड़े भाई के साथ 15 साल से दिल्ली में रह रहा था। मृतक के। परिजन महेश बीड़ावत ने बताया कि दो माह पहले ही सुनील के बड़े भाई की बीमारी से मौत हो गई थी। अब परिवार में मां, भाभी, भाई के दो बच्चे ही हैं। सुनील ही सभी का लालन पालन कर रहा था।
सुनील, मां और बड़े भाई के साथ 15 साल से दिल्ली में रह रहा था। मृतक के। परिजन महेश बीड़ावत ने बताया कि दो माह पहले ही सुनील के बड़े भाई की बीमारी से मौत हो गई थी। अब परिवार में मां, भाभी, भाई के दो बच्चे ही हैं। सुनील ही सभी का लालन पालन कर रहा था।
भाई पर पूरे परिवार का जिम्मा
नरेश की मौत के बाद पत्नी, डेढ़ साल के बच्चे और 3 साल की बेटी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं भाभी लक्ष्मी की मौत के बाद छह बहन-भाइयों से मां का साया उठ गया। लक्ष्मी के 2 लड़के और चार लड़कियां थी। जिनमें दो बेटियों की शादी कर दी थी। अब पूरे परिवार को संभालने की जिम्मेदारी लक्ष्मी के पति कैलाश के कंधों पर आ गई है।
नरेश की मौत के बाद पत्नी, डेढ़ साल के बच्चे और 3 साल की बेटी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं भाभी लक्ष्मी की मौत के बाद छह बहन-भाइयों से मां का साया उठ गया। लक्ष्मी के 2 लड़के और चार लड़कियां थी। जिनमें दो बेटियों की शादी कर दी थी। अब पूरे परिवार को संभालने की जिम्मेदारी लक्ष्मी के पति कैलाश के कंधों पर आ गई है।
देवर भाभी की एक साथ उठी अर्थी भिवाड़ी हादसे में शिवदासपुरा के एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। रविवार को चंपी और उसके बेटे आर्यन के बाद सोमवार को नरेश और उसकी भाभी लक्ष्मी की अर्थी एक साथ उठी।