कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन— भाजपा ने पहले अलवर मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन का एलान किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को देने की घोषणा कर दी थी और कल इस बारे में केन्द्र सरकार को एक पत्र भी भेज दिया गया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने मांग की थी कि सरकार को इस मामले में अब सीबीआई को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार और पुलिस इस मामले को लेकर यू टर्न ले रहे है। इसलिए सीबीआई ही इसका पूरा खुलासा निष्पक्ष तरीके से कर सकती है।
कमेटी ने दौरा कर साधे थे निशाने— प्रदेश भाजपा की ओर से इस मामले को लेकर एक जांच कमेटी भी बनाई थी और कमेटी ने जेके लोन अस्पताल और बाद में अलवर जाकर बच्ची के परिजनों से मुलाकात की थी। भाजपा नेता सवाई माधोपुर भी गए थे। जहां उन्होंने प्रियंका गांधी के घेराव करने की कोशिश की थी और बाद में सफल नहीं होने पर धरना दे दिया था। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि एक बहुत ही वीभत्स घटना राजस्थान के अलवर में हुई थी। पूरे प्रदेश एवं देश के मीडिया में यह खबर सुर्खियां बनती है, कई दिन बाद यू-टर्न लेकर अलवर एसपी प्रेस वार्ता कर कहती हैं कि दुष्कर्म के कोई साक्ष्य नहीं है, इससे पहले की पृष्ठभूमि में सरकार के मंत्री पीड़िता के हाल जानने अस्पताल जाते हैं, बलात्कार के मुआवजे के रूप में परिजनों को 3.50 लाख रुपये मुआवजा देते हैं, एसआइटी गठित की जाती है, एसआईटी की रिपोर्ट आने बिना पुलिस-प्रशासन का यू-टर्न सवाल खड़े करता है। पूनिया ने ये भी सवाल दागा था कि क्या प्रियंका गांधी को इस जलालत से बचाने के लिये यू-टर्न हुआ, पूरा देश जानता है कि राजस्थान जैसे शांतिप्रिय प्रदेश में तीन सालों में अपराधों की बाढ आई है।